मध्यप्रदेश

गुरु रूप में जो सबकी रक्षा करते हैं, वह जानते हैं कि विनाश का समय निश्चित है : सन्त बाबा उमाकांत महाराज

गुरु रूप में जो सबकी रक्षा करते हैं, वह जानते हैं कि विनाश का समय निश्चित है : सन्त बाबा उमाकांत महाराज

भविष्य में परिस्थितियां ऐसी आएंगी कि मांसाहार छोड़ना ही पड़ेगा

उज्जैन। परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज ने उज्जैन आश्रम पर सतसंग सुनाते हुए बताया कि विनाश होगा और उसका समय भी निश्चित है। समय बताने का आदेश और वक्त अभी नहीं है। लेकिन सब निश्चित है कि ये तारीख, ये सन् बहुत खराब है। किस तारीख को क्या होगा? कैसे होगा? ये तो करने वाला जानेगा। करने वाला जानता है और बचाने वाला जानता है। गुरु रूप में जो सबकी रक्षा करते हैं, वह जानते हैं।

गलती करने वाला एक न एक दिन पश्चाताप करता है

जब कोरोना बीमारी आई, तब उस समय लोग जल्दी मांस नहीं खा रहे थे। क्यों नहीं खा रहे थे ? क्योंकि डॉक्टरों ने ये कह दिया कि कोरोना मांस खाने की वजह से ही हुआ है। मुर्गियों की बीमारी जब चली थी, तब यदि किसी से कहो कि मुर्गा खाओगे? तो लोग तौबा करते थे। तब लोग कहते थे कि राम-राम बोलो, मुर्गा का नाम मत लो। ये परिस्थितियां ऐसी आती हैं कि आदमी को बुराइयां छोड़नी ही पड़ जाती हैं। ये तो भविष्य में छोड़ना ही पड़ेगा।
“दया धर्म तन बसे शरीरा, ताकर रक्षा करें रघुवीरा।”
“बिस्मिल्लाह ए रहमान उर रहीम” कहा गया। वह तो रहमान दयावान है, दया सिंधु है, उसी के बनाए हुए सभी जीव हैं।

अपनी गलती को भी समझता है, जो उसने मन के कहने पर कर दिया। लेकिन जब होश आता है, उसका रिजल्ट देखता है कि हमने ये क्या किया, तब वह पश्चाताप करता है। फिर वह अपने अच्छे को देख करके ग्लानि करता है, उनको सम्मान देता है कि आप तो ऐसे हो और हम इस तरह के हैं।

मानव जीवन का ये समय थोड़ा है

जो दूसरे के देश में आप रह रहे हो, काल भगवान के देश में रह रहे हो, वह एक दिन इस शरीर को खाली कराएंगे ही कराएंगे। इसलिए अपने देश चलो, इस शरीर के रहते रहते, अपनी आत्मा को उस प्रभु तक पहुंचा दो। उनकी गोदी में बैठा दो और जन्म मरण से छुटकारा पा जाओ।

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