सड़क हादसे में घायल लोगों को अब पूरे देश में मिलेगा मुफ्त इलाज, सरकार ने जारी की अधिसूचना पढ़े पूरी ख़बर
भारत सरकार ने पूरे देश में कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम (नकद रहित इलाज योजना) लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके तहत सड़क दुर्घटना के शिकार हर व्यक्ति को प्रति हादसा अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, यह योजना 5 मई, 2025 से लागू हो गई है।
किसी भी सड़क पर हुए हादसे में मिलेगा इलाज सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, अगर किसी भी व्यक्ति का सड़क हादसा मोटर वाहन के कारण होता है, तो उसे इस स्कीम के तहत देश के किसी भी हिस्से में इलाज की सुविधा मुफ्त में मिलेगी। हादसे के शिकार व्यक्ति को सरकारी या नामित अस्पतालों में इलाज के लिए कोई पैसे नहीं देने होंगे।
दुर्घटना के 7 दिनों तक मुफ्त इलाज की सुविधा
इस योजना के तहत पीड़ित व्यक्ति को दुर्घटना की तारीख से अगले सात दिनों तक, अधिकतम 1,50,000 रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाएगा। यह सुविधा सिर्फ उन अस्पतालों में पूरी तरह लागू होगी जो सरकार द्वारा “नामित” किए गए हैं।
2025 Yamaha Aerox 155: यामाहा ने लॉन्च किया 2025 एरोक्स 155, जानें कीमत और क्या हुए बदलाव
अन्य अस्पतालों में सिर्फ प्राथमिक इलाज
अगर किसी कारणवश पीड़ित को नामित अस्पताल नहीं मिल पाता और इलाज किसी अन्य अस्पताल में कराया जाता है। तो उस स्थिति में उस अस्पताल में सिर्फ स्थिर हालत (स्टेबलाइजेशन) तक का इलाज ही इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। इस बारे में अलग से गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
जीप विलीस 41 स्पेशल एडिशन भारत में लॉन्च, बिकेगी सिर्फ 30 यूनिट, जानें क्या है खास
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण योजना को लागू करेगा इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) को सौंपी गई है। यह संस्था पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्तरीय स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगी ताकि स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
अब हर दो साल में होगा भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो, अगला आयोजन फरवरी 2027 में
राज्य स्तर पर रोड सेफ्टी काउंसिल होगी नोडल एजेंसी हर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल इस योजना की नोडल एजेंसी होगी। यह काउंसिल इस बात की निगरानी करेगी कि योजना को ठीक से लागू किया जाए, अस्पतालों को योजना से जोड़ा जाए, पीड़ितों का इलाज हो और भुगतान की प्रक्रिया सही ढंग से चले।