छत्तीसगढ़

CG 150 Crore Fraud: फर्जी NGO बनाकर 150 करोड़ की ठगी, पुलिस ने गिरोह का किया भंडाफोड़…

डेस्क : जशपुर पुलिस ने 150 करोड़ की ठगी के मामले में एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रत्नाकर उपाध्याय और अनिता उपाध्याय को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ नामक फर्जी एनजीओ के जरिए 15 राज्यों में कारोबारियों से करोड़ों की ठगी करने का आरोप है।

फर्जी NGO के नाम पर ठगी का जाल

आरोपियों ने ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ के नाम से दिल्ली में एक फर्जी एनजीओ पंजीकृत कराया था। इसका इस्तेमाल करते हुए वे सप्लायर्स और कारोबारियों को यह कहकर फंसाते थे कि उनकी संस्था को सरकारी CSR फंड से गरीब बच्चों के लिए किताबें, ड्रेस, स्वेटर, बैग और जूते सप्लाई करने के ठेके दिए जाएंगे। इन ठेकों के नाम पर कारोबारी उनसे सुरक्षा राशि, प्रोसेसिंग फीस और कमीशन के तौर पर 10 लाख से 25 लाख रुपये तक की रकम दे देते थे।

ठगी से बनाई करोड़ों की संपत्ति

पुलिस की जांच में सामने आया है कि ठगी से कमाए गए पैसों से आरोपियों ने दिल्ली में दो और लखनऊ में 24 फ्लैट खरीदे हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, इनके पास ढाई करोड़ रुपये की रेंज रोवर कार भी है।

जशपुर व्यापारी से 5.70 करोड़ की ठगी से हुआ खुलासा

इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब जशपुर जिले के पत्थलगांव निवासी व्यापारी अमित अग्रवाल ने 20 अप्रैल 2025 को थाने में 5.70 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच शुरू होने पर यह साफ हुआ कि यह ठगी का एक संगठित नेटवर्क है।

पुलिस की जाल बिछाने की रणनीति

गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस ने एक योजना बनाई। एक पुलिस अधिकारी ने खुद को छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतिनिधि बताकर अनिता उपाध्याय से संपर्क किया और उसे 1000 करोड़ रुपये के ठेके का झांसा दिया। चाणक्यपुरी, दिल्ली में हुई इस मुलाकात के दौरान अनिता के मोबाइल से ही रत्नाकर उपाध्याय से संपर्क किया गया। इसी नंबर को ट्रेस कर पुलिस ने सागरपुर, दिल्ली से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

तीसरा आरोपी अभी भी फरार

गिरोह का तीसरा सदस्य सौरभ सिंह अभी फरार है। पुलिस का कहना है कि उसकी तलाश तेज कर दी गई है और जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में कई कारोबारियों से ठगी

आरोपियों ने पत्थलगांव के कारोबारी अमित अग्रवाल से 5.70 करोड़, बिलासपुर की टी-बर्ड इंटरप्राइजेज और रायगढ़ की पूर्णिमा ट्रेडिंग से 5-5 करोड़ रुपये की ठगी की है।

2021 में हुआ था एनजीओ का रजिस्ट्रेशन

इस फर्जी एनजीओ का पंजीकरण 2021 में लखनऊ से किया गया था, जिसमें रत्नाकर उपाध्याय और अनिता उपाध्याय डायरेक्टर थे, जबकि सौरभ सिंह को-फाउंडर था। इनका नेटवर्क छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कुल 15 राज्यों में फैला हुआ था।

Related Articles

Back to top button