मध्यप्रदेश

इस 17 से 25 मई तक नौ दिवस के महायज्ञ साधना शिविर में, पीछे जितने भी सन्त हुए उनकी गरिमामयी उपस्थिति है…

इस 17 से 25 मई तक नौ दिवस के महायज्ञ साधना शिविर में, पीछे जितने भी सन्त हुए उनकी गरिमामयी उपस्थिति है

किसी भी मत के अनुसार साधना करने पर, अंतर में; वक्त के गुरु से पूरा नाम लेने का इशारा मिल जाएगा

उज्जैन। मध्य प्रदेश इस वक्त के गुरु परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 17 मई 2025 को सतसंग में बताया कि यह जो साधना शिविर लगाई जा रही है, इसका महत्व अलग है। यह 9 दिन का मुहूर्त है, इसमें 5 दिन (17 मई से 22 मई तक) का अहम है। इसमें तो सबको बैठना ही चाहिए। जितने भी देश – विदेश में अपने गुरु महाराज  के नामदानी हैं और उसके बाद के नामदानी हैं सबको इसमें बैठना चाहिए, अधिक से अधिक समय देना चाहिए। कोई भी नामदानी कहीं पर हो, किसी भी संस्था से हो, कोई मंदिर में हो, मंदिर का पुजारी, मठ का मठाधीश हो, कोई आश्रम चला रहा हो, कोई राजनेता हो सबको इसमें बैठना चाहिए। हमारा तो यही आग्रह है कि इस नौ दिन के साधना मुहूर्त में सब लोग बैठें।

पीछे के सन्तों से किसी जन्म में जीवों ने नामदान लिया, इस 9 दिन के मुहूर्त में उनको भी फायदा दिखाई पड़ेगा।

इसके अलावा जैसे मैंने बताया कि संतो के अपनाए हुए जो उनके जीव थे, वह जीव यहीं पड़े रह गए, संस्कार तो उन जीवों पर था, छाप तो सन्तों की उन पर लगी हुई थी, जब वह दूसरा जन्म लिए, उस समय के जो मौजूदा संत थे, उनके पास चले तो गए लेकिन तब भी अपना काम बना नहीं पाए। उन सन्तों के बाद वहाँ समाधि, मठ बन गया, आश्रम बन गए वहां पर भी जो लोग रहते हैं, वह लोग भी अगर बैठेंगे तो उनके वही गुरु जिनसे उन्होंने किसी जन्म में नामदान लिया था इस 9 दिन के मुहूर्त में उनको भी फायदा दिखाई पड़ेगा।

जो पांच नाम के नामदानी नहीं हैं, उनको भी दिशा मिल जाएगी कि इस वक्त पर जो नाम दे रहे हैं वहां चले जाओ, उनसे पूरा नाम ले लो।

अगर गुरु महाराज के नामदानी नहीं हैं, पांच नाम के नामदानी नहीं हैं तो उनको भी दिशा मिल जाएगी, अंदर में इशारा हो जाएगा कि चले जाओ वहाँ इस वक्त पर जो पूरा नाम दे रहा है, , उनके पास चले जाओ और ले लो ,वहां कुछ न कुछ उनको मिल जाएगा। यहाँ पर जो आकर करेंगे उनको यहीं पर दिशा मिल जाएगी, रास्ता मिल जाएगा यहीं पर। क्योंकि वह जो संत पीछे हुए है उनके जीव जो फंसे हुए हैं, वह लोग भी यह चाहते हैं कि हमारे जीव पार हो जाएँ, इसी बहती गंगा में हाथ धो लें और वह भी पार हो जाएँ। इसलिए उनकी भी यहां पर गरिमामयी उपस्थित है। अब आप उनको इन आंखों से नहीं देख सकते हो, अदृश्य शक्ति है वह। लेकिन मदद करने के लिए तैयार हैं उनको आमंत्रित कर उनका स्वागत किया गया है, प्रार्थना किया गया है। गुरु महाराज जी के इस 9 दिवस महायज्ञ अखंड साधना का शिविर चल रहा है इसमें वह भी पधारे हैं। तो वह भी मदद करेंगे।

यह नौ दिन का विशेष मुहूर्त है

आप स्पष्ट रूप से समझ लो कि सन्तमत का कोई भी मठ चला रहे हो, कोई भी मंदिर बनाये हुए हो, कोई भी सन्तमत के अनुसार नाम का जाप करते हो, इस 9 दिवस के शुभ मुहूर्त में जो आपके गुरु ने साधना बताई है उसी को करना आप शुरू कर दो। अगर जल्दी आपको कोई दिशा मिल जाए 2 दिन 4 दिन के अंदर ही मिल जाए तो चल पड़ो, आ जाओ हमारे गुरु महाराज का भंडारा होने जा रहा है, उसमें भी सुबह शाम ध्यान – भजन कराया जाएगा, वह भी करना रहेगा।

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