CG – बोलता है महाभारत प्यारे भाइयों एवं बहनों देश वासियों : अर्जुन हेमला, समाज सेवाक

बोलता है महाभारत प्यारे भाइयों एवं बहनों देश वासियों : अर्जुन हेमला, समाज सेवाक
बीजापुर। हाल ही में विश्व के सबसे बड़े जन आन्दोलन ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव हुआ,तब पूरी दुनिया की नज़र इस भारत पर थी! एक परिचर्चा के दौरान!साथियों अमेरिका ने अपने सबसे अव्वल आधुनिक हथियार– जैसे AWACS और F-16 – पाकिस्तान और तालिबान को भारत के खिलाफ उपयोग के लिए दिए थे,लेकिन भारत ने इन हथियारों की हवा निकाल दी।मित्रों इन हथियारों को जिन पर पश्चिमी देशों को बड़ा गर्व था, जिसको भारत ने उन्हें जंग का कबाड़ बना डाला। दोस्तों अमेरिका,ब्रिटेन,फ्रांस और जर्मनी की मीडिया पाकिस्तान का पक्ष लेती रही है। वे चुप थे,जब भारत ने पाकिस्तान के हर हथियारों को ध्वस्त किया।तब यहां तक कि फ्रांस भी अपने Hayek से ही निर्मित राफेल लड़ाकू विमान की तारीफ़ करने से पीछे हट गया था,क्योंकि वहाँ की सरकार अमेरिकी प्रभाव में है और अमेरिका के “डीप स्टेट” गुट का हिस्सा है।
प्यारे भाइयों भारत ने F-16 और AWACS को जिस तरह से हराया, उसका असर ये हुआ कि अब पश्चिमी देशों के हथियारों पर सवाल उठने लगे हैं।अब रूस के S-400 और भारत के ब्रह्मोस जैसे हथियारों की माँग विश्व में बढ़ेगी।तब ये बात पश्चिमी देशों को हजम नहीं हुई है, इसलिए उन्होंने सच्चाई छुपाई और भारत पर दबाव डालकर युद्ध को रोकने की कोशिश की थी। साथियों शुरुआत में अमेरिका को लगा कि भारत ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगा, इसलिए वह तटस्थ बना रहा। लेकिन जब पाकिस्तान की हालत खराब हो गई,तो अमेरिका बीच में कूद पड़ा और “मध्यस्थता” के नाम पर।भारत ने सीधे तौर पर तो नहीं कहा,लेकिन परोक्ष रूप से इसको स्वीकार किया था,क्योंकि एक साथ अमेरिका, यूरोप,चीन,तुर्की और अरब से लड़ना आसान नहीं होता।मित्रों भारत ने पाकिस्तान के लगभग सभी सैन्य हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान की वायुसेना लगभग अपंग हो गई है।यही वजह है कि अमेरिका को डर सताने लगा है कि – अगर यह खबर दुनिया भर में फैली,तो उसके हथियार कौन खरीदेगा ?
इसलिए बदनामी के मारे डर के उसने जल्दबाज़ी में सीज़फायर का दबाव बनाया।दोस्तों पश्चिमी देश अब पाकिस्तान को IMF और अरब देशों से पैसा दिला रहे हैं ताकि वो अपने फटेहाल सैन्य ढाँचे को ठीक कर सके।चीन पर भी दबाव डाला गया कि पाकिस्तान को हमला करने के लिए उकसाए– ताकि उसे अमेरिका से व्यापार में कुछ छूट मिल सके।साथियों अब अमेरिका और उसके गुट को पता चल गया है कि पाकिस्तान कितनी बुरी हालत में है और उसके कौन- कौन से हिस्से कमजोर हो गए हैं।वो लोग इन कमज़ोरियों को ठीक करने की तैयारी कर रहे हैं ताकि अगली लड़ाई में पाकिस्तान थोड़ा मजबूती से खड़ा हो सके।मित्रों भारत के सैन्य नेतृत्व को भी इस बात का पूरा एहसास है। तब उन्होंने साफ़ कहा है कि अगला युद्ध पिछले युद्ध जैसा नहीं होगा– क्योंकि अब तकनीक बदल चुकी है।नए हाई टेक हथियारों से पाकिस्तान जितनी चालाकी करेगा,भारत उतनी ही चतुराई से उसका जवाब देगा!अब चाहे चीन और अमेरिका के पास हथियार ज़्यादा हों,भारत के पास अपनी अचूक आकाश सुदर्शन चक्र आदि जैसी अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें और एक जांबाज अग्नि वीर सैनिकों वाली सेना है।भारत की हिन्द सेना दुश्मन की तरह नागरिकों पर हमला नहीं करती–वह धर्म और मर्यादा के साथ युद्ध करती है और जीतती है।
ये बात अब सबके सामने है–कि ये विश्व के सारे देश नहीं चाहते कि विश्व गुरु भारत में एक मज़बूत राष्ट्रवादी सरकार टिके।दोस्तों पाकिस्तान तो सिर्फ़ एक मोहरा है –असली खेल इसके पीछे बैठे भारत-विरोधी ताकतों का है।अब भारत के पास सिर्फ़ दो रास्ते हैं –या तो घुटने टेक दे और अपनी पहचान खो दे,या फिर अजेय महाशक्ति महा गुरु बनकर अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करे।और लगता यही है कि भारत अपने रास्ते पर डटा है–चाहे AWACS भेजो या F-35,भारत की हिन्द सेना हर क्षेत्र में उनका जवाब देना जानती है।साभार!जय भारतीय हिन्द की सेना की जय श्रीराम 🚩: मेरे प्यारे भाइयों एवं बहनों डेरेक ग्रॉसमैन (Derek Grossman) RAND Corporation में एक वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक हैं, जो मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा पर ध्यान देते हैं। वे भारत,पाकिस्तान, चीन,ताइवान,और कोरिया जैसे देशों के बीच संबंधों पर शोध करते हैं!दोस्तों ये ग्रॉसमैन ने एक दशक से अधिक समय तक अमेरिकी खुफिया समुदाय (Intelligence Community) में काम किया है, जहां उन्होंने विगत दिनो डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) के निदेशक और पेंटागन में एशियाई और प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक सचिव को दैनिक खुफिया ब्रीफिंग दी है।
वे वर्तमान में द डिप्लोमैट के लिए नियमित योगदानकर्ता और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर भी हैं।हाल ही में, उन्होंने भारत द्वारा पाकिस्तान के नूर खान हवाई अड्डे पर किए गए हमले की आलोचना की है,जिसमें परमाणु सुविधा को नुकसान और रेडियो धर्मिता लीक होने का खतरा पैदा होने की बात कही है। इससे वे भारत सरकार की नीतियों के आलोचक के रूप में सामने आए हैं।साथियों डेरेक ग्रॉसमैन भारत के कट्टर विरोधी रक्षा विश्लेषक हैं,यहां तक कि भारत ने उनके बयान को छुपाया है,लेकिन यहां वे स्वीकार कर रहे हैं कि भारतीय जीत अभूतपूर्व थी और हमने पाकिस्तानी परमाणु कमांड सेंटर को नष्ट कर दिया होगा समझ रहे थे।जैसा कि अब यह बात खुलकर सामने आ गई है कि पाकिस्तान ने भारत पर परमाणु हमले की तैयारी कर ली थी,जिसकी भनक भारतीय नेतृत्व और शक्ति शाली हिंद सेना को लग चुकी थी।
इसीलिए भारत ने संभावित परमाणु हमले को विफल करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया था….जो सटीक निशाने पर लगी थी। मित्रों हो सकता है कि बहुत लोगों को आश्चर्य हो,लेकिन वास्तव में पाकिस्तान की परमाणु सम्पन्नता के पीछे कहीं ना कहीं अमेरिका का ही हाथ है
।इसके पीछे की भूमिका की बहुत बड़ी डिटेल लोगों ने साझा भी की है प्यारे भाइयों कोई माने या ना माने…..इस युद्ध में कई बड़े देशों ने भारत के विरुद्ध पाकिस्तान का कंधा इस्तेमाल किया है। इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं है मित्रों आप सबको वन्देमातरम ! जय श्रीराम,जय हिंद !