गुरु को रिझाना है, खुश करना है तो आप लोग लगातार साधना करो – बाबा उमाकान्त महाराज

गुरु को रिझाना है, खुश करना है तो आप लोग लगातार साधना करो – बाबा उमाकान्त महाराज
हजार से ऊपर जगहों पर 5–5 दिन की साधना शिविर लोगों ने पूरी की
बावल, रेवाड़ी, हरियाणा। बाबा उमाकान्त महाराज ने कहा कि नामदान तो बहुत लोगों को मिला लेकिन सब लोग उसका फायदा नहीं उठा पाए। इसीलिए बहुत से नामदानी अभी भी उसी गरीबी, बीमारी, टेंशन और लड़ाई-झगड़ा जैसी समस्याओं में पड़े हुए हैं। जब लोगों ने प्रचार किया कि ऐसे बाबा आ रहे हैं कि जिनके पास तुम चले जाओगे और अपनी बात कह ही दोगे तो तुम्हारी दुख-तकलीफ में फायदा हो जाएगा। अब वह लोग आने लग गए। जहां भी खबर लगी कि उज्जैन के बाबा उमाकान्त जी महाराज आ रहे हैं, वहां चला जाए, देखा जाए, आजमाइश किया जाए। तो लोग आने लगे।
जो लोग भी आने लगे उन सब को फायदा हुआ
जो लोग आने लगे उन पर गुरु की ऐसी दया हुई कि जो-जो जहां-जहां आने लगा, कुछ न कुछ फायदा, लाभ सबको मिलने लग गया। तब लोगों ने सोचा कि जब जाने से ही फायदा होता है तो चला क्यों न जाए। तब भीड़ तो इकट्ठा होने लग गई, लोग आने-जाने तो लगे कि आने-जाने से ही हमारा काम बनेगा; चाहे नौकरी में, चाहे व्यापार में हमारी तरक्की हो, चाहे हमारा रोग ठीक हो, चाहे हमारी टेंशन दूर हो जाए, चाहे हम इलेक्शन जीत जाए या चाहे किसी भी पद पर पहुँचने की इच्छा हो , तो इसी तरह लोग आने-जाने तो लगे।
17 से 25 मई को होने वाली साधना में लोग अध्यात्मिक दौलत को बढ़ाने के लिए आ रहे हैं
पहले भी जहां–जहां सतसंग हुआ, नामदान दिया गया, 10–15 मिनट का भी कहीं छोटा–मोटा कार्यक्रम हुआ तो साधना करने के लिए बराबर कहा गया लेकिन लोगों ने ध्यान नहीं दिया। अब कैसे भी करके गुरु को रिझाना है, मनाना है, खुश करना है तो कहा गया कि अब आप लोग लगातार साधना करो, बैठो। घंटों में आप लोगों ने शुरू किया; 24 घंटे का होने लग गया, 48 घंटे का होने लग गया, लेकिन फिर भी जब देखा गया कि मन इतना मोटा हो रहा है कि स्थिर ही नहीं हो रहा है तब कहा गया “अतिशय रगड़ करे जब कोई, अनल प्रगट चंदन ते होई” बार-बार जब कराया जाएगा और ज्यादा देर तक जब बैठेंगे तब मन जो गेंदे की तरह उछल रहा है इस पर रोक लगेगी। तो पांच–पांच दिन का साधना शिविर होने लग गया। सब जगह पूरे देश में अभियान चलाया गया और हजार से ऊपर जगहों पर 5–5 दिन की साधना शिविर लोगों ने पूरी की। अब वहीं लोग भाग–भाग करके उज्जैन आश्रम पर 17 मई से 25 मई तक साधना करने के लिए आ रहे हैं जिनको अंतर में कुछ मिला है और जिनको अंतर की दौलत (अध्यात्मिक दौलत) को और बढ़ाना है।