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हार से बौखलाया तत्कालीन सरपंच: पंचायत द्वारा ग्राम के हेंडपम्पो में स्थापित सबमर्सिबल पंप,सिन्टेक्स निकाल घर ले गया भीषण गर्मी में पेयजल को तरस रहे ग्रामीण, प्रशासन से अपेक्षित पहल की मांग पढ़े पूरी ख़बर

0 सचिव व तत्कालीन सरपंच के मिलीभगत से ग्राम में विकास के बजाय भ्रष्ट्राचार की बही गंगा

कोरबा/कटघोरा//जीवन के लिए जितना महत्त्वपूर्ण सांस लेना है, उतना ही जरूरी पानी भी। शायद इसीलिए जल को जीवन कहते है। क्योंकि खाने के बिना कुछ दिन रहा जा सकता है, लेकिन हलक सूख जाए तो जान पर बन आती है। इसी पानी की उपलब्धता को चाकाबुड़ा के लगभग 2300 आबादी वाले ग्रामीण आज तरस रहे है, कारण यह है कि गत सम्पन्न पंचायत चुनाव में हार से बौखलाए तत्कालीन सरपंच प्रत्याशी ने ग्राम के हेण्डपम्पों में पंचायत द्वारा स्थापित बोर, सिन्टेक्स निकलवाकर घर ले गया। जिसके बाद इस भीषण गर्मी गांव में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।

जनपद पंचायत कटघोरा के ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में तत्कालीन सरपंच पवन सिंह कमरों ने गांव के हेण्डपम्पों में पंचायत की ओर से स्थापित सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स निकलवा घर ले गया। जिससे ग्रामीण पानी के लिए परेशान है। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है और वे पेयजल संकट से जूझ रहे है। यह एक गंभीर विषय है, क्योंकि हेंडपम्प गांव समुदाय के लिए पानी का मुख्य स्रोत होता है। तत्कालीन सरपंच द्वारा सबमर्सिबल पंप, सिन्टेक्स निकालने से ग्रामवासियों को इस भीषण गर्मी पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें पेयजल के लिए इधर- उधर भटकना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार तत्कालीन सरपंच पवन सिंह कमरों और सचिव रजनी सूर्यवंशी की मिलभगत से पंचायत में व्यापक भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया गया है। बीते सम्पन्न पंचायत चुनाव में तत्कालीन सरपंच पुनः प्रत्याशी बन मैदान में था, जहां अपनी करारी हार से बौखला गया और ग्रामीणों को सबक सिखाने की ओझी मानसिकता लेकर काम करते हुए ग्राम के हेंडपम्पो में पंचायत फंड से स्थापित सबमर्सिबल पंप व सिंटेक्सो को निकलवा कर अपने घर ले गया। जिसके बाद गर्मी में पीने का पानी संकट गंभीर हो गया। ग्रामीणों के कथनानुसार अगर कोई तत्कालीन सरपंच के इस कृत्य का विरोध करता है तो अपनी दबंगई दिखाते हुए झगड़ा पर उतारू हो जाता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि ग्राम के करीब 20- 21 हेंडपम्पो में सबमर्सिबल पंप और सिन्टेक्स पंचायत की ओर से स्थापित था, जिसे तत्कालीन सरपंच ने अपने हार का बदला लेने निकलवा दिया है। गांव में जल जीवन मिशन के तहत पानी टंकी तो बनाई गई है और घर- घर नल कनेक्शन भी दिया गया है, लेकिन उसमें अभी तक पानी नही पहुँच पाया है। जिसके कारण पूरा गांव पेयजल की परेशानी से जूझ रहा है। वहीं महिलाओं का कहना है कि हेंडपम्पो में लगे बोर, सिन्टेक्स निकलवा दिए जाने से पेयजल की किल्लत हो रही है और पानी के लिए उन्हें भागदौड़ करनी पड़ रही है। वहीं हेण्डपम्प से भी काफी मेहनत के बाद पानी आता है, तब जाकर पीने का पानी नसीब हो पा रहा है। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है और इस समस्या के हल के लिए प्रशासन से अपेक्षा लगाई है। बहरहाल प्रशासनिक तौर पर इस दिशा में कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

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