Bihar Election 2025: प्रवासी बिहारी वोटर्स को साधने NDA का मिशन, BJP ने शुरू किया ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान…

बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले देशभर में बसे ‘प्रवासी बिहारी वोटर्स’ को साधने में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) लगी हुई है। प्रवासी बिहारी मतदाताओं के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ ((Ek Bharat Shreshtha Bharat)) अभियान की शुरुआत की है। इस पहल का मकसद देश के अलग-अलग राज्यों में बसे बिहारियों से जुड़ाव बढ़ाना और उन्हें पार्टी के समर्थन में लाना है।
इस अभियान के जरिए भाजपा प्रवासी बिहारी मतदाताओं की पहचान करना चाहती है। भाजपा ने देशभर के 150 जिलों में प्रवासी बिहारियों की पहचान और डेटा निकालने के लिए 75 लोगों की एक टीम बनाई है। ये जो भी डेटा निकाल रहे हैं, उसको पार्टी के आंतरिक ‘सरल’ ऐप पर अपलोड किया जा रहा है।
BJP ने कैसे तैयार किया मेगा प्लान?
भाजपा ने प्रवासी बिहारियों को दो कैटेगरी में विभाजित किया है – वे जो अभी भी बिहार में मतदाता के रूप में पंजीकृत (रजिस्टर) हैं, और वे जो अन्य राज्यों में बस गए हैं लेकिन पार्टी के समर्थक हैं। इन दोनों समूहों को बिहार में अपने परिवारों और परिचितों को भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करने किया जा रहा है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने देश भर के 150 जिलों की लिस्ट तैयार की है और 75 समर्पित टीमों को बिहारी मतदाताओं का डेटा निकालने और मैप करने का काम सौंपा गया है। भाजपा महासचिव तरुण चुग इस पहल के प्रभारी हैं और बिहार के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय और राज्य के मंत्री भी आउटरीच कार्यक्रम में शामिल हैं।
हरियाणा में कार्यक्रम के राज्य समन्वयक (कॉर्डिनेटर) मनीष यादव के मुताहिक, “बिहार में मतदाता के रूप में पंजीकृत लोग हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो बाहर चले गए हैं, लेकिन पार्टी के समर्थक हैं। हम उन्हें अपने परिवार के सदस्यों को पार्टी का समर्थन करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
देश के किन राज्यों में हैं सबसे ज्यादा बिहारी प्रवासी
दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना और पंजाब जैसे राज्यों में प्रवासी बिहारियों की बड़ी संख्या है, जिन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
भाजपा के मुताबिक देशभर में लगभग 20 मिलियन प्रवासी बिहारी रहते हैं, जिनमें से लगभग 65% अभी भी बिहार में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। यह लगभग 1.3 करोड़ मतदाताओं के बराबर है।
हरियाणा में पार्टी ने 27 में से 14 जिलों को शॉर्टलिस्ट किया है जहां बिहार से प्रवासी हैं। एक अनुमान मुताबिक हरियाणा में लगभग 500,000 बिहारी निवासी हैं।
भाजपा कोविड की पहली लहर के दौरान को आंकड़ों को भी देख रही है। बिहार सरकार ने तब घोषणा की थी कि हर प्रवासी श्रमिकों के खातों में 1,000 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लगभग 1.3 मिलियन आवेदन मिले थे।
भाजपा का रणनीतिक उद्देश्य
भाजपा का उद्देश्य इन प्रवासी मतदाताओं के माध्यम से बिहार में अपने समर्थन को मजबूत करना है। पार्टी का मानना है कि ये प्रवासी अपने परिवारों और समुदायों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे चुनाव परिणामों पर सकारात्मक असर दिखेगा। इससे पहले भाजपा ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान छोटे स्तर पर प्रवासी मतदाताओं तक पहुंच बनाने का प्रयोग किया था। हालांकि, बिहार पहला राज्य है जहां पार्टी का लक्ष्य इसे बड़े स्तर पर लागू करना है।
यह अभियान भाजपा की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव के जरिए मतदाताओं तक पहुंच बनाई जा रही है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल के जरिए पार्टी न केवल प्रवासी बिहारियों से जुड़ाव बढ़ा रही है, बल्कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित भी कर रही है।