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लावर के बाद अब मस्तूरी के कोसमडीह में हुआ घोटाला नहीं मिला ग्रामीणों कों पिछले महीने का राशन संचालक बदला राशन हुआ गायब भटक रहें ग्रामीण अधिकारी चुप जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//मस्तूरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कोसमडीह में उचित मूल्य की दुकान में भारी गड़बड़ी सामने आई है जहां पूर्व संचालक द्वारा कई लोगों को राशन नहीं दिए जाने की बात अब खुलकर सामने आने लगी है इस बात को खुद पूर्व उचित मूल्य दुकान के संचालक मानते हैं कि उनके द्वारा कई लोगों को राशन नहीं दिया गया पर ग्रामीणों का कहना है कि यह संख्या 120 से 130 हो सकती है जिनको राशन नहीं मिला हैँ वही पूर्व उचित मूल्य दुकान के संचालक का कहना है कि महज कुछ लोग 5 से 10 ही ऐसे होंगे जिनका राशन नहीं मिला है हालांकि अब उचित मूल्य दुकान की संचालन की व्यवस्था किसी अन्य को दे दी गई है और उसके द्वारा यह कहा जा रहा है कि पिछले महीने का राशन जो उचित मूल्य की दुकान चलाता था वही देगा मैं नहीं दे सकता दोनों के चक्कर में ग्रामीण शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं और ना ही उनको पिछले कुछ महीने का चांवल मिला न ही शक्कर और न ही नमक अब ग्रामीण परेशान है और कभी पूर्व उचित मूल्य दुकान संचालक के पास जाते हैं तो कभी तत्काल में संचालित कर रहे संचालक के पास जाते हैं पर उनका राशन अभी तक नहीं मिल पाई है। वर्तमान में जो उचित मूल्य दुकान को संचालित कर रहा है उसका कहना है कि जो पूर्व में उचित मूल्य दुकान को चला रहा था उसके द्वारा लोगों से थंब लगवा कर चावल को गायब कर दिया गया है जिनकी संख्या 100 से ऊपर है।

क्षेत्र के राशन दुकानों में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार…

मस्तूरी क्षेत्र में यह पहला मामला नहीं है जहां भ्रष्टाचार उचित मूल्य दुकान पर हो रहा हो आपको बताते चले कि फरवरी और मार्च महीने का लगभग 1200 राशन कार्डधारीयों को ग्राम पंचायत लावर भोथिडीह में राशन नहीं मिला है जिसकी शिकायत ऊपर से नीचे तक महिला स्व. सहायता समूह से लेकर युवाओं द्वारा किया गया है बावजूद इसके यहां भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है पिछले दिनों हमने इस बारे में नायब तहसीलदार जयंती देवांगन और फूड इंस्पेक्टर आशीष दीवान से बात कर पूछा था की अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई हुई है और कब तक ग्रामीणों की 2 महीने की खाद्यान्न मिल पाएगी जिस पर नयाब तहसीलदार जयंती देवांगन ने कहा था कि मामला खाद्य विभाग को भेज दिया गया है वही फुड इंस्पेक्टर आशीष दीवान के द्वारा कहा गया था कि दो-चार दिनों में वह जाकर जांच करेंगे शिकायत मिली हैँ देखना होगा ग्रामीणों की हक की राशन खाद्यान्न को कब तक घोटाले बाजों द्वारा वापस किया जाता है और यह अधिकारी कब तक उनके हक की राशन दिलवा पाते हैं।

क्यों अधिकारी नहीं दे रहें ध्यान…

क्षेत्र में अधिकारियों की वजह से ही उचित मूल्य दुकान संचालकों के हौसले बुलंद है और यह लगातार घोटाले को अंजाम दे रहे हैं आखिर क्यों ऐसे संचालकों के ऊपर कानूनी कार्रवाई नहीं होती अगर इनको सच में सबक सिखाना है या घोटाला करने से रोकना है तो इन अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे न सिर्फ घोटाले बाज बल्कि जो घोटाले के बारे में सोच भी रहे हैं वह भी ऐसा करने से पहले 100 बार जरुर सोचें पर ताज्जुब की बात है कि ऐसा मस्तूरी क्षेत्र में हो नहीं रहा है आप सोचिए लावर जैसे गरीब गांव में 1200 राशन कार्ड धारीयों का 2 महीने का राशन नहीं मिला उसके बाद भी कई महीना बीत जाने के बाद यहां कुछ भी कार्रवाई नहीं हुई है ऐसा ही हाल कोसमडीह का भी है जहां ग्रामीण उपभोक्ता रोज दर बदर भट्ठक रहे हैं अपने हक की खाद्यान्न के लिए राशन के लिए और अधिकारी ऑफिस में बैठे कुर्सी तोड़ रहे हैं इससे एक बात तो साफ है कि छत्तीसगढ़ में साय सरकार की बदनामी हो रही है और लोगों के बीच सरकार की छवि कों धूमिल किया जा रहा हैँ जिसमे पूरा हाथ इन अधिकारियो की ही हैँ जो इतना सब होनें के बाद भी चुप्पी साधे बैठे रहते हैँ क्यों?

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