Bihar News- फिर से संवर रही INDIA गठबंधन की तस्वीर: तेजस्वी यादव ने कभी बताया था खत्म, अब खुद कर रहे लीड, जानिए क्या है चुनावी प्लान….

बिहार : बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं विपक्षी दल भी एक प्लैटफॉर्म पर आने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में बने इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने विभिन्न प्रदेशों में अलग होकर चुनाव लड़ा।
तेजस्वी यादव कर रहे गठबंधन को लीड: कांग्रेस और आप ने दिल्ली में अलग चुनावी दांव खेला, लोकसभा चुनाव में साथ और विधानसभा चुनाव में अलग दांव खेलने पर तेजस्वी यादव ने कहा था कि गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए ही था। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि ख़ुद तेजस्वी यादव इंडिया गठबंधन की तर्ज़ पर चुनावी रणनीति बना रहे हैं।
‘इंडिया’ ब्लॉक समन्वय समिति ने तैयारियों को कारगर बनाने के लिए कई उप-समितियों की घोषणा की है। 23 अप्रैल को हुई बैठक के बाद गठित ये उप-समितियां समन्वय समिति के अध्यक्ष को नियमित रूप से सलाह देंगी और रिपोर्ट देंगी। इन समूहों में कांग्रेस, राजद और वीआईपी के नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
चुनाव रणनीति के लिए उप-समितियां गठित: समन्वय समिति के अध्यक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इन उप-समितियों के गठन का खुलासा किया। प्रचार उप-समिति में आरजेडी से संजय यादव, कांग्रेस से अभय कुशवाहा, समीर कुमार सिंह और वीआईपी से बीके सिंह जैसे 14 सदस्य शामिल हैं। मनोज झा चुनाव टीम इंडिया का हिस्सा हैं और संयुक्त संकल्प पत्र उप-समिति में भी शामिल हैं।
मीडिया एवं संचार उपसमिति में आरजेडी से नवल किशोर, प्रियंका भारती, वीआईपी से देव ज्योति, कांग्रेस से राजेश राठौर और सीपीआई से निवेदिता समेत 13 सदस्य हैं। इसी तरह सोशल मीडिया उपसमिति में भी 13 सदस्य हैं। चुनाव आयोग और कानून संबंधी उपसमिति में कुल 14 सदस्य हैं।
मतदाता सहभागिता पर ध्यान केन्द्रित: इन समितियों का उद्देश्य गठबंधन की चुनावी रणनीतियों को बढ़ाना है। साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, इसलिए सभी दल सक्रिय रूप से तैयारी कर रहे हैं और प्रमुख मुद्दों की पहचान कर रहे हैं।
मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए जातिगत समीकरणों को समायोजित करने के लिए काम कर रहे हैं, जबकि वोट बैंक तक पहुंच बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। संयुक्त संकल्प पत्र उप-समिति में 14 सदस्यों में सांसद सुधाकर सिंह भी शामिल हैं। ये रणनीतिक कदम इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पार्टियां चुनावों से पहले अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती हैं।