Bihar Politics: नीति आयोग बैठक से नदारद रहे नीतीश कुमार, PM मोदी से की अलग मुलाकात, बिहार में फिर सियासी खेल की तैयारी?

बिहार : बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) चुनाव होने वाले हैं। इधर राज्य में राजनीतिक गतिविधियों का दौर भी तेज हो गया है। एक ओर लालू के कुनबे में ही दरार पड़ गई है और आरजेडी प्रमुख ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को घर और पार्टी से निकाल दिया है। उधर एनडीए (NDA) को लेकर भी कयासों का दौर जारी है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने दिल्ली में रहते हुए भी नीति आयोग की मीटिंग में शिरकत नहीं की। दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से उन्होंने मुलाकात की है। मीटिंग के बाद वह पटना लौट गए हैं लेकिन अटकलों का दौर जारी है।
क्या फिर से पलटी मारने वाले हैं नीतीश कुमार?
नीतीश कुमार की राजनीति को देखते हुए कोई भी निश्चित तौर पर नहीं कह सकता है कि उनका अगला कदम क्या होगा। 2013 से अब तक वह कई बार पलटी मार चुके हैं। हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से नीतीश बार-बार कहते रहे हैं कि अब वह कहीं नहीं जाएंगे। नीति आयोग की बैठक में उनके शामिल नहीं होने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
यह भी दिलचस्प है कि नीतीश एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक में शामिल हुए थे। पीएम मोदी से ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी मुलाकात मधुबनी में हुई थी। उस दौरान भी मंच से उन्होंने कहा था, ‘अब कहीं नहीं जाएंगे… चले गए थे… ललन सिंह के कहने पर गए थे।’ उस वक्त ललन सिंह भी मंच पर मौजूद थे। नीतीश के नीति आयोग के बैठक से गायब रहने पर विपक्षी दल हमलावर हैं।
बीजेपी पर नीतीश को है पूरा भरोसा?
बिहार के राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि नीतीश फिलहाल बीजेपी की तरफ से पूरी तरह से निश्चिंत हो गए हैं। इंडिया गठबंधन में उनकी वापसी विधानसभा चुनाव से पहले नहीं होने वाली है। अब उनका पूरा फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर ही है। यही वचह है कि न सिर्फ वह मंच से दोहराते रहते हैं कि अब पाला नहीं बदलेंगे, बल्कि इंडिया अलायंस में शामिल होने का दोष भी उन्होंने अपनी पार्टी के ललन सिंह पर डाल दिया है। हाल ही में उनकी केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के साथ मुलाकात भी चर्चा में रही थी।
ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार अब एनडीए के साथ चुनाव लड़ने की तैयारियों में व्यस्त है। यही वजह है कि नीति आयोग की बैठक छोड़ उन्होंने पूरे उत्साह के साथ एनडीए सीएम की बैठक में हिस्सा लिया। इतना ही नहीं वह चिराग पासवान के पुराने बयानों और विवाद को भूलकर उनके साथ भी बेहतर संबंध बनाकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। नीतीश का जैसा रिकॉर्ड अब तक रहा है उसमें निश्चित तौर पर उनके करीबी भी नहीं सकते कि उनका अगला कदम क्या होगा। फिलहाल तो वह पीएम मोदी और बीजेपी के साथ कंफर्टेबल ही नजर आ रहे हैं।