मध्यप्रदेश

भारत देश के लोग अगर बदल गए, तो पूरी दुनिया को बदल देंगे – बाबा उमाकान्त महाराज

भारत देश के लोग अगर बदल गए, तो पूरी दुनिया को बदल देंगे – बाबा उमाकान्त महाराज

जब साधक तैयार हो जाएंगे तब भारत के नाम पर लिखा हुआ शहर जलजले में बच जाएगा

उज्जैन। परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज ने 26 मई 2025 के सतसंग में बताया कि आध्यात्म की बेल भारत से ही बढ़ी है। विज्ञान भी भारत से ही ऋषि-मुनियों, योगी-योगेश्वरों एवं सन्तों के द्वारा विदेशों में गया है। भारत एक धार्मिक एवं आध्यात्मिक देश है और आगे आध्यात्मिक देश बनकर के उभरेगा, और जो भारत के नाम पर कोई नाम लिख देंगे, रख देंगे उसकी बचत हो जाएगी। जिस शहर का नाम भारत के नाम पर लिख देंगे कि ये भारत का शहर है, ये भारत के नाम पर है तो एक समय ऐसा आएगा जब यहां आध्यात्म वादी तैयार हो जाएंगे, साधक तैयार हो जाएंगे तो जलजला जब आएगा तो उसमें वह शहर बच जाएगा। बहुत चमत्कार होंगे, बहुत चीजें आपके सामने आएंगी लेकिन इस समय विश्वास तो कर लो। इस समय बातों पर जल्दी आपको विश्वास नहीं हो रहा है।

भारत देश के लोग अगर बदल गए, तो सब बदल जाएंगे

बंगाल में बहुत मछली और मांस खाते हैं। उसके आगे जो प्रदेश है उसमें तो लोग गाय, बैल, भैंस सब खा जाते हैं। पूरब की भाषा में लिखी हुई एक प्रार्थना है

“बदली हिंदुस्तान तो बदल जाई दुनिया। कोई ना शराबी होगा, नहीं मांसाहारी। हो जाए सफाई नहीं रही हैं अत्याचारी। और दुनिया में सदाचार का उत्थान हो, बदल जाई दुनिया”

इसका अर्थ यही है कि भारत देश के लोग अगर बदल गए तो सब बदल जाएंगे।

बंगाल में आगे चलकर बहुत परिवर्तन होगा

आगे चलकर के बंगाल में बहुत परिवर्तन होगा। ज्यादा हम कुछ नहीं बोलेंगे कि कैसा परिवर्तन होगा, क्या होगा? जैसे कोई लड़का समझाने पर समझदार है तो मान जाता है और जो समझदार नहीं होता है, जिद्दी होता है, जिसकी बुद्धि खराब होती है वह नहीं मानता है, तब उसको थप्पड़ मारते हो, उसको चोट देते हो। और जब उससे भी नहीं मानता है तो घर से निकाल देते हो। ऐसे ही मानेंगे तो मानेंगे, नहीं मानेंगे तो कोई और मनाएगा, कुदरत मनाएगी और नहीं तो कुदरत धरती से बाहर कर देगी कि अब धरती पर तुम्हारा स्थान नहीं रह गया। अब रोटी, दाल, मछली सब खत्म हो गई तुम्हारी। मछली भात का भोग नहीं लगा सकते हो शालिग्राम को। हम कड़ा इसीलिए बोलते हैं कि कोई-कोई बात चुभ जाती है और लग जाती है। जब लग जाती है, चुभ जाती है तो आदमी उसी को सोचता रहता है।

विदेश वालों के ऊपर आफत पहले आयेगी

गुरु महाराज के भंडारे में विदेश के भी काफी लोग आए, तो जो लोग आप यहां बैठे हो और जो चले गए, जो नहीं आ पाए सब को बता दो कि विदेश वालों के ऊपर आफत पहले आएगी। और जो यह सोच रहे हो कि हमारे धन संपत्ति है और हम वहां सुरक्षित हैं, उसको सुरक्षित मत समझो। अब सुरक्षित करने और अपनी सुरक्षा के बारे में सोच लो, विचार कर लो।

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