छत्तीसगढ़

CG – नशीली दवाओं के खिलाफ छापेमारी, 249 दुकानदारों पर लगा जुर्माना, इस वजह से हुई बड़ी कार्रवाई…..

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आमजन को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने निरीक्षण अभियान चलाया। इस दौरान राज्य के विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए औषधि नमूनों की जांच में 3 दवाएं अमानक पाई गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सक्ती, राजनांदगांव, कोंडागांव, सूरजपुर सहित अन्य जिलों से कुल 34 औषधि नमूनों को एकत्र कर रायपुर स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया था। मई 2025 में जांच उपरांत इनमें से तीन दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।

ये दवाएं अमानक घोषित

विल्डमेड टैबलेट (बैच नं. VGT 242068A) – निर्माता: वृंदावन ग्लोबल, सोलन (हि.प्र.)
रिफलीवे एम टैबलेट (बैच नं. HG 24080598) – निर्माता: आई हील फार्मास्युटिकल्स, बद्दी (हि.प्र.)
डोंलोकैर डी एस सस्पेंशन (बैच नं. DCN-002) – निर्माता: क्विक्सोटिक फार्मा, मोहाली (पंजाब)

इन दवाओं का उपयोग मधुमेह, बुखार व संक्रमण जैसे रोगों के उपचार में किया जाता है। विभाग द्वारा संबंधित उत्पादकों एवं वितरकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, जनस्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अमानक औषधियां बेचने या वितरित करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार राज्य में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने प्रतिबद्ध है। सभी औषधि विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे केवल मान्यता प्राप्त व प्रमाणित दवाएं ही विक्रय करें।

नशीली दवाओं के विरुद्ध सख्ती

राज्यभर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए औषधि निरीक्षकों की टीम मेडिकल स्टोर्स पर लगातार छापेमार कार्रवाई कर रही है। शासन के निर्देश पर सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरे से युक्त किए जाने की दिशा में भी तेजी से काम जारी है।

कोटपा एक्ट के तहत 249 दुकानदारों पर लगाया जुर्माना

विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) के अवसर पर राज्य में विशेष अभियान चलाया गया। औषधि निरीक्षकों ने कोटपा अधिनियम, 2003 की धारा 4 व 6 के तहत शिक्षण संस्थानों के समीप 249 दुकानदारों पर जुर्माना लगाया। प्रत्येक पर 100 रुपए की दर से जुर्माना लगाया गया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने लाेगों से अपील की है कि वे दवाओं की खरीदी करते समय गुणवत्ता और वैधता की जांच अवश्य करें। संदिग्ध औषधियों की सूचना विभाग को दें।

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