सभी अपने-अपने कर्मों को काट लें, अगर कर्म फांस लगा रहेगा तो कितना भी उपाय करोगे मुक्ति मोक्ष नहीं मिलेगा – बाबा उमाकान्त महाराज

सभी अपने-अपने कर्मों को काट लें, अगर कर्म फांस लगा रहेगा तो कितना भी उपाय करोगे मुक्ति मोक्ष नहीं मिलेगा – बाबा उमाकान्त महाराज
आत्मा का कष्ट हो या शारीरिक कष्ट हो, हर तरह के कष्टों को दूर करने के लिए आप साधना में लग जाओ
उज्जैन। परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज ने उज्जैन आश्रम पर सतसंग सुनाते हुए बताया कि जब सतलोक से आई हुईं और सतपुरुष की भेजी हुई आत्माएं वापस नहीं पहुंच पाईं तो ये फंसती चली गईं। कितने सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग बीत गए? तब सतपुरुष को अपने जीवों को निकालने की चिंता, अपने पास बुलाने की इच्छा हुई।
जिन्होंने गुरु को मान लिया, गुरु से प्रेम कर लिया, गुरु ने उनको पार लगा दिया
उन्होंने जो वादा जीवात्माओं से किया था कि तुम जाओ हम तुमको निकालने के लिए किसी को भेजेंगे, वह निकाल कर लाएगा। तब सतपुरुष ने अपनी पावर (शक्ति) देकर सन्तों को भेजा और समय-समय पर जो सन्त आए उन्होंने जीवों को समझाया, बताया और कर्मों को धोने का तरीका बताया। सेवा और सतसंग का लाभ बताया। नामदान देकर जीवात्माओं के अपने निजधाम यानी सतलोक जाने का रास्ता बताया। कुछ लोगों ने तो अपने कर्मों को काट लिया और नामदान लेकर सुमिरन, ध्यान और भजन करने लग गए। जिन्होंने गुरु भक्ति किया, गुरु की दया हुई, गुरु ने उनको अपने सच्चे घर पहुंचा दिया।
सच्चे भाव से, सच्चे हृदय से गुरु से प्रेम करके गुरु से वरदान मांगो, दया मांगो तो गुरु दया करने के लिए तैयार हैं
जिन लोगों ने गुरु से अरदास कर ली, बुरे कर्मों से बचे रहे और उनके आदेश के पालन में लगे रहे, वे तो निकल गए। जिसके कर्म हल्के थे उसको ज्यादा फायदा हुआ। जिसके कर्म भारी थे उसको थोड़ा फायदा हुआ। लेकिन उससे भी जब देखा गया कि लोगों के कर्म नहीं कट रहे हैं, कर्मों की गठरी बहुत भारी हो गई है तो ये जगह-जगह साधना शिविर लगाए जा रहे हैं, इस साधना के मुहूर्त में कष्टों को दूर करने के लिए आप प्रेमियों लग जाओ, बस दया के घाट पर बैठ जाना है।