छत्तीसगढ़

CG – असामाजिक तत्वों द्वारा घर में घुस कर महिलाओं से दुर्व्यवहार जमकर मारपीट डर के साए में कटी रात एसपी से 4 लोगों की शिकायत कोनी थाना क्षेत्र का मामला पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर जिले के कोनी थाना क्षेत्र के पौसरा में कुछ दिनों पहलें शराब के नशे में दो पक्षो में जमकर विवाद हुआ जिसके बाद तीन संजू सिंह कुकरा केंवट बंटी यादव व अन्य के खिलाफ एफआईआर कोनी थाने में दर्ज हुआ जिसके बाद पुलिस आरोपी कों ढूंढने में लगी रही पर प्रार्थीयों कों पुलिस पर भरोषा नहीं हुआ और वो संजू सिंह व अन्य के घर घुस गए और उसकी पत्नी के साथ अभद्र ब्यवहार व अन्य से मारपीट करने लगे ऐसे शब्दों का उपयोग किया गया जिसको लिखा भी नहीं जा सकता जिसके बाद संजू की पत्नी एसपी बिलासपुर रजनेश सिंह के पास पहुंची जहाँ उन्होंने अपनी पूरी आप बीती पुलिस कप्तान कों बताया और उन्होंने तत्काल कार्यवाही करने आदेश शिकायत लेटर में हीं लिखा और कोनी थाना भेजा।

क्या हैँ पूरा मामला…

दरअसल कुछ महीने पहले सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कों लेकर सुरेश सिंह और शेखर सिंह व अन्य के बीच वाद विवाद हुआ था जिसकी शिकायत पहले हीं शुरेश सिंह द्वारा कोनी थाने में किया गया था और अंदेशा अनुरूप लड़ाई हुआ भी पर कोनी पुलिस वहां जाना सही नहीं समझी ना हीं समझाइस देना और विवाद बढ़ गया शुरेश सिंह नें उस जमीन कों छोड़ भी दिया ताकि लड़ाई झगड़ा ना हो पर असामाजिक तत्वों द्वारा 20 से 25 लोगों का झुण्ड बना कर रोज शराब पिया और पिलाया जा रहा हैँ उसके बाद लड़ाई झगड़ा मार पीट किया जा रहा हैँ कई मौको पर दो आरक्षक भी साथ रहें इनके सामने हीं सब कुछ होता रहा जिसके डर से लोंग डर कर घर से बाहर रहने कों मजबुर हो गए हैँ और अब असामाजिक तत्वों के हौसले इतने बुलंद हैँ की वो खुलेआम कहते फिर रहें हैँ की कोनी थाने में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होंगी आपको बताते चलें की जिन चार लोगो के खिलाफ महिलाओ नें शिकायत एस पी से किया हैँ उनमे ऐसे भी हैँ जिन पर कई मामले पहले से चल रहा हैँ।

एसपी बिलासपुर रजनेश सिंह महिला सुरक्षा कों लेकर सजग…

बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह का ट्रेक रिकॉर्ड शानदार रहा हैँ वो महिलाओं की सुरक्षा में कोई ढील देना नहीं चाहते महिला सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि हैँ वो खुद कह चुके हैँ की आप समाज में शांति बनाए रखने का प्रयास कीजिए नशामुक्ति से सम्बंधित कार्य कीजिए या कोई भी सामाजिक उत्थान का कार्य और जरुरत पड़ेगी तो आपको मेरे पास आने की जरुरत नहीं हैँ एसपी खुद आपके गाँव कार्यक्रम मे आएंगे इनके दिमाग़ में नए नए समाज उपयोगी आईडिया आते रहते हैँ जिसको वो धरातल में उतार भी रहें हैँ चाहे बात नशा मुक्ति की हो चाहे बात महिला सुरक्षा की हो चाहे बात बच्चों की हो चाहे बुजुर्गो की हो,पर इनके कुछ लापरवाह आरक्षक इनकी सोच और अच्छे कार्यों पर पानी फेरने में लगे रहते हैँ देखना होगा इस मामले में कब आरोपियों कों सजा और पीड़ितों कों न्याय मिलता हैँ।

इनके खिलाफ हुआ हैँ शिकायत…

शेखर सिंह,अजय सिंह,फोनू सिंह,कोदु सिंह इनके खिलाफ आरोप हैँ की इनके द्वारा घर में घुस कर महिलाओं से अभद्र ब्यवहार किया गया और कहा गया की थाने में उनका खूब चलता हैँ वहां जाओगे तो कोई फायदा नहीं होगा सब मेरे आदमी हैँ थानें में इसलिए महिलाएं सीधे एसपी ऑफिस शिकायत लेकर पहुंच गए अब इसमें कितनी सच्चाई हैँ ये तो पुलिस की कार्रवाई हीं बताएगी?

क्या बोलें थाना प्रभारी राहुल तिवारी…

थाना प्रभारी बताते हैँ की महिलाओं की शिकायत पर एक पुलिस टीम गाँव भेजा गया हैँ आरोपियों कों पकड़ने।

खांकी पर फिर लगा दाग…

एक तरफ पुलिस कप्तान रजनेश सिंह पब्लिक पुलिस प्रेम मतलब PPP की बात करते हुए कहते हैँ की तीनो कों मिलकर समाज में जागरूकता फैलाना हैँ शांति ब्यवस्था बनाना हैँ दूसरे तरफ कोनी में पदस्थ दो आरक्षक चार असामाजिक तत्वों शेखर सिंह अजय सिंह फोनू सिंह कोदु सिंह के साथ मिलकर जिन पर पहले से कई मामलें चल रहें हैँ बिना महिला आरक्षक के बिना सर्च वारंट लिए ऐसे वक्त में कुछ लोगों के घर घुस कर तलाशी लें रही हैँ जिस वक्त घर में सिर्फ महिलाएं हीं थी और उनके सामने हीं असामाजिक तत्व गुंडे उनको हाथ पैर काटने की बात कहते हैँ और पुलिस मुंह ताकती रहती हैँ अब ऐसे में पुलिस पर लोगों कों कैसे विश्वास होगा?

दबंगो नें इनके घर घुस कर किया मार पीट…

बंटी यादय पिछले दिनों हुए लड़ाई में शामिल था जिसके बाद शेखर सिंह और उसके 20 से 25 गुंडे उसके भाई कों बेरहमी से पिटते हैँ जिसके बाद उसकी घर की महिलाएं एसपी से शिकायत करने पहुंची उनको डर हैँ कही उनके बेटे कों ये मार न डालें संजू सिंह के घर भी उसकी वाइफ के साथ असामाजिक तत्वों नें दुर्व्यवहार किया अश्लील शब्दों का उपयोग किया जिसके बाद वो भी एसपी ऑफिस पहुंची इनके साथ उन परिवारों के भी सदस्य थे जो इनके हरकतो से बहुत परेशान हैँ।

रात भर बाहर रहने हुए मज़बूर…

अब इसे पुलिस की नाकामी कहें या पीड़ितों की डर पर ये रात भर घर नहीं जा सकें कुछ तो अपने घर गए और कुछ डर कर बाहर हीं रह गए उनको डर था कही वापस गए तो वो फिर घर में घुस कर मार पीट न कर दे।

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