छत्तीसगढ़

भाजपा नेता कीर्ति ने पाली जनपद सीईओ पर लगाए भ्रष्ट्राचार कमीशनखोरी अफसरशाही के गंभीर आरोप…! कहा इनके भ्रष्ट्र आचरण पर लगाम नही लगा तो आंदोलन हेतु होंगे बाध्य पढ़े पूरी ख़बर

कोरबा/पाली//भाजपा शासन में पार्टी के ही एक नेता द्वारा जनपद अधिकारी पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट्राचार, अफसरशाही व कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाकर प्रशासनिक सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए है। जी हां भाजपा के पाली पूर्व मंडल अध्यक्ष एवं वर्तमान जिला कार्यसमिति सदस्य व उपसरपंच कीर्ति कश्यप ने पाली जनपद सीईओ भूपेंद्र सोनवानी के कारगुजारी को लेकर यह आरोप लगाया है, और कहा है कि यदि सीईओ के भ्रष्ट्र कार्यप्रणाली पर जल्द लगाम नही लगा तो वे इस दिशा में आंदोलन हेतु बाध्य होंगे। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।

पाली विकासखण्ड के ग्राम डोंगानाला निवासी एवं भाजपा पदाधिकारी व उपसरपंच कीर्ति कश्यप ने जनपद सीईओ भूपेंद्र सोनवानी के क्रियाकलाप को लेकर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि जनपद सीईओ सोनवानी ने जब से पाली जनपद का कार्यभार संभाला है, तब से लेकर उनकी मनमानी और भ्रष्ट्र रवैया चरम पर पहुँच गया है। जिससे पाली जनपद अब लूट का अड्डा बन गया है, जहां शासन की चल रही योजनाओं में खुलेआम भ्रष्ट्राचार और बिना कमीशन दिए कोई भी कार्य सम्पन्न नही होता। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा पंचायतों के विकास के लिए भेजे गए राशि जारी करने से पहले सीईओ द्वारा भारी भरकम कमीशन मांगा जाता है। जो सरपंच कमीशन देने की मांग स्वीकार करता है, उसी क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए राशि जारी की जाती है। इतना ही नही विकास कार्यों से संबंधित फाइलों में हस्ताक्षर के लिए भी कमीशन का मांग किया जाता है और कमीशन नही दिया गया तो हस्ताक्षर भी नही किया जाता है। जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ रहा है और पंचायतों के विकास कार्य ठप्प होते जा रहे है। सरपंचों व सचिवों पर अनावश्यक दबाव बनाकर अवैध तरीके से पैसों की मांग भी की जाती है। जिससे वे प्रताड़ना का शिकार हो रहे है। कीर्ति ने अपने आरोप में बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों के लाखों मानदेय राशि हड़पने की कोशिश, पंचायतों से चुनावी खर्च 15- 20 हजार एवं सुशासन तिहार खर्च 25 हजार की उगाही, 15वें वित्त आयोग मद की राशि जारी करने के लिए कमीशन एवं निर्माण कार्यों के तकनीकी स्वीकृति भेजने के एवज में 7 से 8 प्रतिशत कमीशन की मांग सीईओ द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा पंचायतों में अघोषित ठेकेदारी प्रथा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। पाली ब्लाक के पंचायतों में वर्तमान 66 पीडीएस भवन और 68 आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए डीएमएफ से जिला प्रशासन की स्वीकृति मिली है। जिसके तकनीकी स्वीकृति शीर्ष अधिकारियों को भेजने के एवज में सीईओ द्वारा 7- 8 प्रतिशत कमीशन की राशि सरपंचों से लिया जा रहा है। जहां उक्त भवन की आवश्यकता वाले पंचायतों से कमीशन राशि नही मिलने पर तकनीकी स्वीकृति फाइलें रोक दी जा रही। कीर्ति ने कहा कि ऐसे में जरूरत वाले पंचायतों में बिना कमीशन उचित मूल्य की दुकान भवन नही बनने पर बारिश काल मे खाद्यान भीगने की स्थिति निर्मित रहेगी, उसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा? कीर्ति कश्यप ने सीईओ सोनवानी के भ्रष्ट्र आचरण को लेकर यह भी बताया कि एक पंचायत प्रतिनिधि होने के नाते उन्होंने अपने ग्राम पंचायत डोंगानाला में स्वीकृत पीडीएस भवन के तकनीकी स्वीकृति फाइल भेजने जब सीईओ से संपर्क साधा तब सीईओ ने सीधे कमीशन की बात की और कहा कि जिला सीईओ के कहने पर कमीशन निर्धारित किया गया है, कमीशन राशि नही भेजने पर जिला सीईओ का फटकार सुनना पड़ेगा। साथ ही यह भी कहा कि कमीशन में काम स्वीकृत करा लें तथा अपना कमीशन लेकर निर्माण कार्य ठेके पर दे दें, ठेकेदार जैसा भी निर्माण करें, यदि घटिया निर्माण की शिकायत हुई तो संबंधित सरपंच और सचिव फसेंगे। यह कहते हुए उन्होंने पीडीएस भवन के तकनीकी स्वीकृति फाइल वापस लौटा दी। कीर्ति ने आरोप में यह भी बताया कि सीईओ का कहना है कि पाली जनपद में टिके रहने के लिए उन्होंने लाखों रुपए ऊपरी तौर पर खर्च किये है, आखिर वह वसूल कैसे होगा।

एक ओर राज्य की साय सरकार ग्रामीण विकास को लेकर गंभीर है और ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए विकास कार्यों को तेज किया गया है। वहीं पाली जनपद में जमे अधिकारी सरकारी योजनाओं पर बट्टा लगाने में पीछे नही है। जिससे सरकार की छवि को गंभीर नुकसान पहुँच रहा है। पाली विकासखण्ड के सरपंचों व सचिवों को गांव के विकास कार्यों के लिए कमीशन देना पड़ रहा है। कमीशन के बदले पंचायतों को काम देने वाले अधिकारी ने लाखों रुपए की उगाही को अंजाम दिया है और अपनी झोली भरी है। आप खुद सोच लीजिए कि 93 पंचायतों से विकास/निर्माण के बदले कमीशनखोरी कर अधिकारी ने कितने पैसे कमाए होंगे तथा जुगाड़ और पैसे के दम पर घूम फिरकर एक ही जगह पोस्टिंग पाने वाले ऐसे अधिकारी का तबादले के बाद भी पाली मोह नही छूट रहा है। भ्रष्ट्राचार के आकंठ में डूबे पाली जनपद सीईओ के रवैये से सरपंचों और सचिवों में दहशत का माहौल है तथा उनका कहना है कि भारी भरकम कमीशन देने के चक्कर मे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता ठीक नही होती और उन्हें जनता की खरी खोटी सुननी पड़ती है। ऐसे में वे सरकार से प्रार्थना कर रहे है कि ऐसे अधिकारी का तबादला माओवाद प्रभावित इलाके में किया जाना चाहिए। भाजपा नेता कीर्ति कश्यप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि भ्रष्ट्र आचरण में फल फूल रहे पाली जनपद सीईओ के क्रियाकलापों पर यदि रोक नही लगाया गया तो वे भाजपा समर्थित सरपंचों व जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर आंदोलन की दिशा में बाध्य होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।

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