राजस्थान

गुरु पूर्णिमा, 2025 कार्यक्रम एतिहासिक होगा, जो जैसा पात्र होगा उसे अंतर में गुरु की दया वैसी ही मिलेगी – बाबा उमाकान्त महाराज

गुरु पूर्णिमा, 2025 कार्यक्रम एतिहासिक होगा, जो जैसा पात्र होगा उसे अंतर में गुरु की दया वैसी ही मिलेगी – बाबा उमाकान्त महाराज

अंतर की दया जब मिल जाएगी, तब मालामाल हो जाओगे और फिर किसी चीज की कमी नहीं रह जाएगी

रजनी विहार, जयपुर। परम पूज्य बाबा उमाकान्त महाराज ने 01 जुलाई, 2025 को प्रातःकाल के सतसंग में कहा कि सुबह-शाम दो- दो घंटे साधना करने का नियम बना लो। उस समय पर दुनिया को, गृहस्थी को बिल्कुल भूल जाओ; कुछ समय तक। बाकि खूब मेहनत करके गृहस्थी में भी लगो, क्योंकि वह भी आपका फर्ज है। भजनानंदी की गृहस्थी में काम करने की ताकत बढ़ जाती है, उसकी हिम्मत बढ़ जाती है, हौसला बढ़ जाता है। जब गुरु की दया हो जाती है तो जहां हाथ डालता है, वहीं कामयाबी मिल जाती है। इसीलिए अगर आप सोचते हो कि दोनों काम कैसे होंगे, तो गुरु पर भरोसा करो, गुरु महाराज समर्थ हैं, सब करेंगे, सब देंगे। जो प्रारब्ध में नहीं होता है उसको भी गुरु दे देते हैं। सन्तों की बातों को कोई मिटा नहीं सकता है। सन्तों की बातों को जब लोग नहीं समझ पाते हैं तब वे उसमें नुक्स निकालते रहते हैं।

वहां कार्यक्रम में, ध्यान-भजन में ज्यादा से ज्यादा समय देना

गुरु पूर्णिमा, 2025 का कार्यक्रम ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा। ऐतिहासिक किसको कहते हैं? जैसे गुरु महाराज जो कार्यक्रम कर के गए, जो बातें बता कर गए उसका इतिहास बन गया और उन्हीं बातों के आधार पर हम सब आगे बढ़ रहे हैं। गुरु महाराज जो बोल कर के गए, वे सारी बातें सामने आ रही हैं, तो वह इतिहास बन गया। ऐसे ही यह कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा; इसमें क्या होगा, क्या सुनने को मिलेगा, किसको क्या मिलेगा, यह अभी हम क्या बता दे! लेकिन भरपूर मिलेगा। जो जैसा होगा उसको वैसा मिलेगा। लेकिन अंतर से मिलेगा और अंतर की दया जब मिल जाएगी, तब मालामाल हो जाओगे, तब किसी चीज की कमी नहीं रह जाएगी। इसीलिए वहां भी चूकना नहीं। तो वहां कार्यक्रम में, ध्यान-भजन में जरूर बैठना, ध्यान-भजन में समय देना। इसमें ज्यादा से ज्यादा समय देना।

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