छत्तीसगढ़

3 डॉक्टरों सहित 6 गिरफ्तार : रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज दिलाने 3 डॉक्टर्स ने लिए 55 लाख,CBI ने 6 आरोपियों को पकड़ा,रायपुर की स्पेशल-कोर्ट में पेश…

डेस्क : रायपुर के श्री रावतपुरा मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने रिश्वत लेने वाले आरोपियों को CBI ने स्पेशल कोर्ट में पेश किया।

नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज (SRIMSR) को मान्यता दिलाने के लिए 55 लाख रुपए की रिश्वत हवाला से ली गई है। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को 3 डॉक्टर्स समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपियों में डॉ. मंजप्पा सीएन, डॉ. चैत्रा एमएस, डॉ. अशोक शेलके, अतुल कुमार तिवारी, सथीशा ए और रविचंद्र के. शामिल हैं। CBI की टीम ने सभी आरोपियों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया। इस दौरान CBI ने कोर्ट से पांच दिन की रिमांड मांगी है। हालांकि, कोर्ट ने अब तक इस पर निर्णय नहीं दिया है।

CBI ने पुख्ता सूचना मिलने पर प्लानिंग के तहत जाल बिछाया। मंगलवार को कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। लेन-देन के दौरान सभी 6 आरोपियों को रंगेहाथों पकड़ा है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 30 जून 2025 को SRIMSR रायपुर में 4 डॉक्टर्स की टीम निरीक्षण के लिए आई थी। इसमें डॉ. मंजप्पा सीएन, प्रोफेसर और एचओडी (ऑर्थोपेडिक्स), मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कर्नाटक, बेंगलुरु के डॉ. सतीश, डॉ. चैत्रा एमएस और डॉ. अशोक शेलके शामिल हैं।

CBI के मुताबिक निरीक्षण दल के सभी सदस्यों ने SRIMSR के अतुल कुमार तिवारी के साथ षड्यंत्र रचा। निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने के लिए रिश्वत लेने पर सहमत हुए। निरीक्षण दल के सदस्यों में से डॉ. मंजप्पा सीएन ने डॉ. सतीश को हवाला ऑपरेटर से 55 लाख रुपए इकट्ठा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने डॉ. सतीश को यह भी बताया कि उन्हें हवाला ऑपरेटर से एक कॉल आएगा कि राशि कैसे एकत्र की जानी है। डॉ. मंजप्पा ने निरीक्षण दल की एक अन्य सदस्य डॉ. चैत्रा से भी बात की। उन्हें बताया कि उनका हिस्सा डॉ. सतीश उनके निवास पर पहुंचवाएंगे।

CBI ने केस फाइल करने के बाद सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए बेंगलुरु में जाल बिछाया। यहां से 55 लाख रुपए की रिश्वत की रकम बरामद की। रिश्वत की कुल रकम में से 16.62 लाख रुपए डॉ. चैत्रा के पति रविन्द्रन से और 38.38 लाख रुपए डॉ. मंजप्पा के सहयोगी सतीश ए से बरामद किए गए हैं।

CBI ने जब्त किए दस्तावेज और डिजिटल सबूत

CBI के अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी निरीक्षण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहे थे। आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं।

मामले की जांच जारी

CBI ने स्पष्ट किया कि यह मामला चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रिश्वत की रकम 55 लाख रुपए थी। इसे बेंगलुरु में दिया गया था। मामले की आगे की तलाशी, पूछताछ और दस्तावेजी जांच जारी है।

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