CG – वृक्षारोपण में नारीशक्ति भी लें रही बढ़ चढ़ कर हिस्सा छत्रपति शिवाजी स्कूल की शिक्षिकाओं और बेलटुकरी में महिला समूह नें किया पौधारोपण पढ़े पूरी ख़बर
मस्तूरी//केंद्र की मोदी सरकार नें जो मुहीन छेड़ी थी जिसको नाम दिया गया था एक पेड़ माँ के नाम वो छत्तीसगढ़ में खूब चल पड़ी हैँ और हर जिले और ब्लॉक लेवल पर इसको ना सिर्फ सराहा जा रहा हैँ बल्कि जमकर वृक्षारोपण भी किया जा रहा हैँ ये अब एक बड़ा रूप लें चूका हैँ जिसमे गरीब अमीर सभी अपना योगदान सुनिश्चित कर रहें हैँ और लगातार पौधारोपण किया जा रहा हैँ अच्छी बात ये हैँ की इसबार महिला शक्ति नारी शक्ति भी इसमें खूब हिस्सा लें रही हैँ और वो भी अपने माँ के नाम एक पेड़ लगा रही हैँ ऐसा हीं मस्तूरी के बेलटुकरी में एक शानदार नजारा देखने मिला जब यहाँ की महिला स्व,सहायता समूह की महिलाओं नें स्कूल प्रांगण में छायादार और फलदार पौधे रोपे और उसको सचार करने तक उसकी देखभाल करने की शपथ भी लिया ऐसा हीं कुछ भटचौरा में देखने मिला जहाँ प्राइवेट स्कूल छत्रपति शिवाजी की सभी शिक्षिकाओं नें मिलकर दर्जनों पेड़ लगाए और उसकी बड़े हो जाने तक सेवा करने की बात कही।
वृक्षारोपण क्यों हैँ जरुरी…
वृक्ष हमे जीवन दायिनी प्राणवायु प्रदान करते है। बिना के जीवन टिक पाना असंभव हे। हम पानी और भोजन के बगैर कुछ दिनो तक ज़िंदा रह सकते हे, मगर बिना प्राणवायु यानि के बगैर कुछ पल में ही हमारी मृत्यु निश्च्चित हे।
दोस्तों कुछ दशकों पहले तक मनुष्य के जीवन का आधार सिर्फ वृक्ष ही हुवा करते थे,भूतकाल में पेड़ से मनुष्य को भोजन तो प्राप्त होता ही था, साथ में वस्त्र, दवाईयां, घर, और अग्नि सभी जीवन जीने के लिए लगनेवाली वस्तुएं मनुष्य पेड़ से ही प्राप्त करता था।
वृक्षारोपण करने के उपाय, भूतकाल में वृक्ष की भूमिका कुछ ऐसी थी के फल ही भोजन था, पेड़ के पत्तो से आवास उनका रहने का घर या झोपड़ी तैयार करते थे। तथा उष्ण और खाना पकाने के लिए एक जरिया लकड़ी ही थी, प्राचीन काल से ही मनुष्य जाती जड़ी – बूटियों का इस्तमाल भी अच्छी तरह जानती है, और वे भी मुख्य स्त्रोत पेड़ से ही प्राप्त करते है। इसलिए भूतकाल के मनुष्य को वन मानव भी कहते हे।