छत्तीसगढ़

CG – छोटे- छोटे बच्चे दस दस रुपए मिलाकर पी रहे कच्ची शराब, महिलाओं बेटियों की बढ़ी मुश्किल सरबुंदिया बावापारा में अवैध शराब बिक्री से परेशान महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन पढ़े पूरी ख़बर

0 कप्तान के निर्देश के बाद भी कार्रवाई नही होने पर आंदोलन का लिया निर्णय.

कोरबा//पाली ग्राम शिवपुर के आश्रित मोहल्ला सरबुंदिया बावापारा में हाथभट्ठी शराब की बिक्री से परेशान जनप्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में महिलाओं ने एसपी को मयहस्ताक्षर ज्ञापन सौंप महुआ शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। जहां कप्तान द्वारा पुलिस को त्वरित कार्रवाई के दिये गए निर्देश के बाद भी कोई कार्रवाई नही होने से नाराज महिलाओं का कथन है कि यदि अवैध शराब बिक्री पर रोक नही लगाया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

पाली विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत शिवपुर के आश्रित मोहल्ला सरबुंदिया बावापारा में करीब एक दर्जन लोगों द्वारा लंबे समय से महुआ शराब की बेधड़क बिक्री की जा रही है। इससे परेशान ग्राम की महिलाओं ने गत 25 जून को मयहस्ताक्षर शिकायत एसपी सिद्धार्थ तिवारी को सौंपा और उक्त अवैध कार्य पर रोक लगाए जाने मांग की। शिकायत पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश श्री तिवारी ने पाली पुलिस को दिया, लेकिन आज पर्यन्त किसी प्रकार से कार्रवाई नही होने से नाराज शिकायतकर्ता महिलाओं ने कमर कस विरोध शुरू कर दिया है और उनका कहना है कि जल्द ही वे आंदोलन की दिशा में बाध्य होंगे। शिकायत सौंपने वालों में ग्राम की सरपंच ललिता बाई, जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक- 18 (परसदा) व ग्रामीण कौशिल्या बाई, नंदनी, सहुरा बाई, बीरबाई, शांति, उर्मिला, ममता, प्रीति भोसले, कांति मराठा, लक्ष्मीन बाई सहित दो दर्जन से अधिक महिलाओं ने शिकायतपत्र में कच्ची शराब बनाकर अवैध रूप से व्यापार कर रहे लोगो के नाम का उल्लेख करते कहा है कि कार्रवाई नही होने का फायदा उठाकर महुआ शराब बनाकर खुलेआम बेंच रहे है, जिससे गांव का माहौल खराब हो चला है। गांव में अनजान लोगों का शराब पीने के लिए आना जाना बढ़ गया है, जो शराब पीकर आपस मे लड़ते झगड़ते रहते है और गाली गलौज, हुड़दंग करते है। वहीं शराबियों के छीटाकंशी से महिला वर्ग का मोहल्ले के रोड में चलना मुश्किल हो गया है और गांव की महिलाएं, बेटियां असुरक्षित महसूस कर रही है। प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले छोटे- छोटे बच्चे भी दस- दस रुपए मिलाकर महुआ शराब पी रहे है। मजदूरों के मजदूरी के पैसे शराब में खर्च हो रहे है व घरों में रोज झगड़े होने लगे है और बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी नशे के आदी हो हिंसक बन रहे है। जिससे परिवारों में कलह बढ़ रहा है एवं अशांति का माहौल है। शिकायतकर्ता महिलाओं ने अपने ज्ञापन में कहा है कि अवैध रूप से शराब बनाकर बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सुशासन तिहार में भी आवेदन दिया गया था, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नही होने से शराब विक्रेताओं के हौसले बुलंद है। उन्होंने सौंपे ज्ञापन में कच्ची शराब बेचने वालों पर जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग रखी थी। लेकिन कार्रवाई नही हो पाने के परिणामस्वरूप अवैध शराब के कारण गांव की स्थिति भयावह होती जा रही है। इसलिए महिलाओं द्वारा आंदोलन का रुख इख्तियार किया जा रहा है।

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