छत्तीसगढ़

कितना मिलता हैँ प्रधानमंत्री आवास में टोटल पैसा क्यों हो रहें ग्रामीण कन्फ्यूजन का शिकार मस्तूरी कच्छार में दो साल से क्यों पेंडिंग हैँ मजदूरी भुकतान जानें पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//प्रधान मंत्री आवास में हितग्राहियों को पूरी जानकारी ही नहीं हैँ पैसे को लेकर ये मामला खास कर गांवो में ज्यादा देखा जा रहा हैँ जहाँ लोगों को ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास में कितना मिलता हैँ इसमें कन्फुजन होती हैँ और जिसका फायदा अन्य सम्बंधित कर्मचारी उठा रहें हैँ

ग्रामीण हितग्राहियों कों टोटल इतना मिलता हैँ पैसा

ग्रामीण क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास में 1 लाख 20 हजार हितग्राही के अकाउंट में आता हैँ तो वही मजदूरी भुकतान जो तक़रीबन 19 हजार रूपए आता हैँ जो हितग्राही जो घर वाले काम करते हैँ उनके खाते में मनरेगा के माध्यम से हाजरी भर कर उनको दिया जाता हैँ हालांकि हितग्राही नें किसी अन्य को ठेका दिया हैँ या मजदूरी कराई हैँ उनको हितग्राही के मर्जी से पैसा डलवा सकता हैँ।

कहाँ हो रही कन्फ्यूजन

गाँव के अधिकांश हितग्राहियो को ये पता ही नहीं हैँ की 1 लाख 20 हजार के अलावा भी अलग से मजदूरी भुकतान जो तक़रीबन 19 हजार रूपए आता हैँ उसके विषय में और यही पर सम्बंधित लोग जमकर फायदा उठा रहें हैँ सम्बंधित कुछ मनरेगा में उच्च पदों में पदस्त हैँ वो बताते हैँ की हमारे और आपके लिए ये मात्र 19 हजार हैँ पर अगर किसी गाँव में 30 या 50 या फिर 100 या उससे ऊपर प्रधानमंत्री आवास बनना हैँ और यही इतने ही पैसे को गोलमाल किया जा रहा हैँ तो सोचो कितना पैसा होता हैँ अगर बारीकी से जाँच कराया जय तो लगभग सभी पंचायतो में ये मामला सामने आएगा दरअसल जयरामनगर के पास के गाँव कच्छार में एक हितग्राही नें हमको बताया की उनका आवास दो साल पहले बना था पर उनका मजदूरी भुकतान अभी तक पूरा नहीं हुआ जब हमने इस बात की जानकारी रोजगार सहायक रविंद्र से लिया तो उन्होंने भी बताया की पेमेंट पूरा नहीं हुआ हैँ

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