CG – थेम्हापार शासकीय प्राथमिक शाला में प्रवेश उत्सव व शु वितरण कार्यक्रम हुआ संपन्न सरपंच की शिक्षा के प्रति सराहनीय पहल पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकास खण्ड के थेम्हापार के शासकीय प्राथमिक शाला में प्रवेश उत्सव बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत की सरपंच शशि देवी घोष मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने विद्यालय में प्रवेश लेने वाले नन्हे छात्रों का तिलक कर एवं पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। बच्चों को मिठाई एवं उपहार भी वितरित किए गए।
कार्यक्रम में उनके साथ उपसरपंच बलराम टंडन,पंच सदस्य संगीत गंधर्व,अजय जोशी,जगदीश कुर्रे(LIC अभिकर्ता),प्रमिला घृतलहरे एवं रामसिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही। अतिथियों ने विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि पढ़ाई ही वह माध्यम है जिससे बच्चें अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करते है।
विद्यालय की प्रधान अध्यापिका और शाला स्टाफ ने आयोजन को सफल बनाने में भरपूर योगदान दिया। स्टाफ में अंजू कुजूर, शशिकला बंजारे,किरण थवाईत,सफीना टंडन,बिमला खुटे,चंदा टंडन,अनुसुइया टंडन एवं शंकुतला कुर्रे ने बच्चों के स्वागत और कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाई। साथ ही शाला के अन्य कर्मचारी – पुनीत, उषा लहरे,प्रीति टंडन,संतोष,नर्सिंह एवं मनीषा घोष भी पूरे आयोजन में विशेष रूप से सहयोगी रहे।
इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के स्थापना दिवस (17 जुलाई 1908) के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों के बीच शू वितरण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। बैंक द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत इस कार्य को अंजाम दिया गया,जिससे सैकड़ों बच्चों को लाभ प्राप्त हुआ।
इस विशेष पहल में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा प्रबंधक मीना कुमारी टाटा,उप प्रबंधक सप्तदीपा नाथ,कैशियर विशाल सिंह, DSA नवीन कुमार घोष,सर्यस मिश्रा एवं पुष्पेंद्र कुमार की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। बैंक अधिकारियों ने बच्चों को अच्छे से पढ़ने,अनुशासन में रहने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान सरपंच शशि देवी घोष ने अपने उद्बोधन में कहा कि गांव के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही समाज को बदलने की कुंजी है और प्राथमिक स्तर पर बच्चों को अच्छा वातावरण देना हम सबकी जिम्मेदारी है।
विद्यालय प्रबंधन समिति,शिक्षकों,जनप्रतिनिधियों और बैंक अधिकारियों के सामूहिक सहयोग से यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। बच्चों के चेहरों पर खुशी की झलक और उनका जोश देखने लायक था। यह आयोजन शिक्षा को बढ़ावा देने एवं सामुदायिक सहभागिता का एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरा।