सचिव की मनमानी ग्रामीण व पंचायत परेशान ने सीईओ से शिकायत…! सचिव को हटाने सहित सभी कार्यों के निष्पक्ष जांच की मांग कार्यालय घेराव की भी चेतावनी पढ़े पूरी ख़बर
0 मनरेगा के तहत दो मिट्टी-मुरुम मार्ग निर्माण के पानी तराई, रोलर व मुरुम का लगाया गया भारी-भरकम फर्जी बिल.
कोरबा//पोड़ी उपरोड़ा ग्राम पंचायत मल्दा सचिव के खिलाफ पंचायत के उपसरपंच, पंचों व ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है और गत दिनों जनपद सीईओ को लिखित शिकायत देकर सभी कार्यों के निष्पक्ष जांच एवं सचिव को हटाने मांग की गई है। शिकायतकर्ताओं ने शिकायती पत्र में यह भी कहा है कि यदि 7 दिवस में कार्रवाई नही की गई तो वे तहसील कार्यालय का घेराव करने बाध्य होंगे।
जिले के जनपद पंचायत पोड़ी के अधीन ग्राम पंचायत मल्दा में पदस्थ सचिव सुश्री बबिता शर्मा के मनमानी व अनियमितताओं के खिलाफ यहां के उपसरपंच छतरसिंह व पंचों दिलबाई, शांति कृष्णा यादव, दुर्गा तंवर, मीना कंवर, पिताम्बर सिंह पूर्व पंच शिवकुमार मरकाम सहित ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है और बीते 17 जुलाई को लिखित शिकायत जनपद सीईओ को देकर सचिव द्वारा की गई आर्थिक अनियमितताओं, दीर्धकालीन पदस्थापना और लापरवाही के संबंध में निष्पक्ष जांच एवं उन्हें हटाने मांग की गई है। सीईओ जयप्रकाश डड़सेना को सौंपे शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि सुश्री बबिता शर्मा विगत 9 वर्षों से लगातार पंचायत में कार्यरत है। इतने समय से एक ही पंचायत में बने रहना प्रशासनिक नियमो के विरुद्ध है और इस अवधि में उन्होंने विभिन्न योजनाओं में अनियमितता, लापरवाही और भ्रष्ट्राचार किया है। सचिव द्वारा योजनाओं में अपात्र व्यक्तियों को लाभ देना, पात्रों को वंचित रखना। विकास कार्यों में राशि का गबन और फर्जी बिलिंग। पंचायत के दो अलग- अलग ग्रामों का पदभार एक साथ रखना, जिससे कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता का अभाव और आम जनता से जुड़ी कार्यवाहियों में विलंब। बीते वर्षों में लाखों रुपए की विकास राशि का उपयोग भ्रामक और मनमानी तरीके से किया गया है, जिसका ऑनलाइन शासकीय पोर्टल में उपलब्ध आंकड़े स्पष्ट दिखता है। विशेष रूप से मनरेगा के तहत दो मिट्टी मुरुम मार्ग निर्माण में गंभीर अनियमितताएं पायी गई है। जिसमे त्रिभुवन घर से लालभांठा रोड मिट्टी- मुरुम सड़क निर्माण जिसके लागत 19 लाख, इस कार्य मे लगभग 16 लाख व्यय किया गया है। जिसमे पानी तराई नही की गई है, फिर भी पानी तराई बिल 50 हजार दर्शाया गया। रोलर भी नही चलवाया गया, जबकि इसके नाम पर भी 1.89 लाख का बिल काटा गया। वहीं नाम मात्र का मुरुम डालकर और 431,599 का बिल बाउचर तैयार किया गया। उक्त सड़क आज भी कीचड़युक्त है, जिससे आवागमन में ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है। इसी तरह जयरतन घर से तोड़ीबहरा रोड मिट्टी मुरुम सड़क निर्माण की लागत लगभग 16 लाख। इसमें भी पानी तराई नही हुआ किन्तु 50 हजार पानी तराई का बिल लगाया गया, रोलर नही चलवाया गया पर 1.89 लाख का भुगतान रोलर चलाने के नाम पर किया गया, मुरुम बिछाने की खानापूर्ति कर 3.50 लाख से अधिक का बिल बनाया गया। यह सड़क भी वास्तविक कीचड़ से लथपथ है, जिसमे मिट्टी मुरुम पहुँचमार्ग का अधिकतर काम कागज पर ही पूर्ण दिखाया गया है। इन दोनों मनरेगा कार्यों की तकनीकी व भौतिक सत्यापन कराने से भ्रष्ट्राचार स्पष्ट उजागर हो जाएगा। ऑनलाइन सरकारी पोर्टल के अनुसार 2020- 21 से 2023- 24 तक 48,91,857 खर्च किये गए, जिसमे 30,81,782 राशि पर गबन और अनियमितता के आरोप है। जिसके वर्षवार विवरण पूर्ववत संलग्न है। शिकायतकर्ताओं की मांग है कि सभी वर्षों के विकास कार्यों का स्वतंत्र आडिट एवं तकनीकी जांच कराई जाए, सचिव को तत्काल पंचायत से हटाया जाकर निलंबित किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके, गबन की गई राशि की वसूली कर ग्राम पंचायत में वापस जमा कराई जाए। जनपद सीईओ को सौंपे शिकायत में उपसरपंच, पंचों व ग्रामीणों ने कहा है कि यदि 7 दिवस में कार्रवाई नही की जाती है तो हम ग्रामवासी तहसील कार्यालय का घेराव करने को बाध्य होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।