CG आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा: गेट से लौटाए गए अभ्यर्थियों का कलेक्टर निवास पर प्रदर्शन, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की, जगह-जगह मचा हंगामा…

रायपुर। व्यापम द्वारा पीडब्ल्यूडी सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से नकल प्रकरण सामने आने के बाद आज हुए आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में विशेष सावधानी बरती गई। व्यापम द्वारा ली गई परीक्षा में कहीं परीक्षार्थियों के हाथ से कलावा कटवा लिया गया तो कहीं फुल बांह शर्ट को काटकर हॉफ बाह बना दिया गया। कई जगह परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए। जिसके चलते जगह-जगह हंगामा हुआ। खैरागढ़ जिले में तो परीक्षार्थियों ने कलेक्टर निवास का घेराव कर प्रदर्शन किया।
बता दें कि व्यापम द्वारा सब इंजीनियर पीडब्ल्यूडी की भर्ती परीक्षा के आयोजन के दौरान बिलासपुर के रामदुलारे सेंटर में हाइटेक नकल प्रकरण का मामला सामने आया था। यहां ब्लूटूथ और स्पाई कैमरा लेकर परीक्षा दिला रही परीक्षार्थी को उसकी छोटी बहन परीक्षा केंद्र के बाहर से नकल करवा रही थी। यह प्रकरण सामने आने के बाद जमकर हंगामा मचा और राजनीति हुई। एहतियातन व्यापम ने भी परीक्षा दिलाने के निर्देशों में व्यापक बदलाव किया और परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए ड्रेस कोड समेत विभिन्न बिंदुओं में दिशा निर्देश जारी किए। वहीं आज व्यापम द्वारा आयोजित आबकारी आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में जगह जगह हंगामा हुआ।
जांजगीर-चांपा जिले के दिल्ली पब्लिक स्कूल मे दर्जनों अभ्यर्थी परीक्षा दिलाने से वंचत हो गए। यहां परीक्षा दिलाने आए परीक्षार्थी अंकित पांडे ने बताया कि उनके पिता का नाम आधार कार्ड में रामसनेही पांडे है पर प्रवेश पत्र में रामसनेही हो गया इसलिए उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया गया। कई फोटोकॉपी भी यहां नहीं चलाई जा रही है। एक महिला परीक्षार्थी ने बताया कि वह डार्क साड़ी पहन कर आई थी इसलिए उसे परीक्षा में अलाऊ नहीं करने की बात कही गई। वह 20 किलोमीटर दूर नवागढ़ से आई थी।
किसी तरह उसने दूसरी साड़ी की व्यवस्था कर कपड़े बदले और परीक्षा शुरू होने से आधा घंटे पहले ही परीक्षा केंद्र पहुंच गई बावजूद इसके उसे परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं दी गई। जबकि उसके परीक्षा केंद्र में पहुंचने के बाद अन्य लोगों की एंट्री दी गई। वही एक अन्य परीक्षार्थी आशुतोष खरे ने बताया कि वह हल्का भूरे कलर का शर्ट पहन कर आया था जो की व्यापम के परीक्षा निर्देशों के अनुरूप था। पर उसे परीक्षकों ने परीक्षा दिलाने नहीं दिया गया।
उसने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि व्यापम के निर्देश में ऐसे शर्ट एलाउ हैं, यदि आपके पास कोई अलग से निर्देश हो तो दिखा दीजिए पर कोई निर्देश नहीं दिखाया गया। शर्ट उतार कर बनियान में भी परीक्षा नहीं देने दिया गया। ऐसे कई परीक्षार्थी चांपा के डीपीएस स्कूल में पहुंचे थे जो परीक्षा से वंचित हो गए। कोई सरनेम छूटने से तो कोई पिता का नाम मिस्टेक होने से परीक्षा से वंचित हो गया। परीक्षा से वंचित लोगों ने परीक्षा केंद्र के बाहर जमकर नारेबाजी की।
वहीं सूरजपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों के हाथ से कलावा काटने को लेकर जमकर हंगामा मचा। हिंदू संगठन के लोगों ने परीक्षा केंद्र के बाहर आकर जमकर नारेबाजी की और परीक्षा के दौरान हिंदुओं को टारगेट करने का आरोप लगाया। यहां परीक्षा केंद्राध्यक्ष के ऊपर हिंदुओं के हाथों से कलावा काटने का आरोप लगाया गया। यहां पहुंची पुलिस ने हिंदू संगठन के लोगों को समझाने का प्रयास किया। आंदोलनकारियों का कहना था कि बिना कलावा काटे भी जांच की जा सकती थी। लंबे समय तक यहां पर विवाद की स्थिति बनती रही।
जशपुर जिले में आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान हाफ शर्ट की अनिवार्यता के बावजूद भी कई अभ्यर्थी फुल शर्ट पहनकर परीक्षा देने पहुंच गए थे। फुल शर्ट पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंचे अभ्यर्थियों को पास के टेलर दुकान से फुल सेट को कटवाकर हाफ शर्ट बनवाना पड़ा जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
खैरागढ़ जिले में ड्रेस को लेकर आपत्ति जताते हुए कई परीक्षार्थियों को वापस लौटा दिया गया। परीक्षार्थी जब तक ड्रेस बदलकर पहुंचे उन्हें परीक्षा हाल में प्रवेश की समय सीमा खत्म होने की बात कह प्रवेश नहीं दिया गया। जिसके चलते परीक्षार्थियों ने जमकर हंगामा मचाया। परीक्षा की नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर रेणुका रात्रे ने इस संबंध में स्पष्ट किया की परीक्षा निर्देशों में किए गए बदलावों का व्यापक प्रचार–प्रसार किया गया था पर इसका पालन नहीं करने वाले परीक्षार्थियों को ही परीक्षा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। वही परीक्षार्थियों का कहना था कि उनके भविष्य से खिलवाड़ के लिए परीक्षा प्रबंधन करने वाले अधिकारी जिम्मेदार हैं।
खैरागढ़ जिले में परीक्षा देने से वंचित कई परीक्षार्थी कलेक्टर निवास का घेराव करने पहुंच गए और घेराव कर जम कर नारेबाजी की। वहीं प्रशासन के अधिकारियों का कहना था कि कलेक्टर निवास कोलाहल मुक्त क्षेत्र है यहां प्रदर्शन करना गैरकानूनी है। जबकि परीक्षार्थियों का कहना था कि अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाना अन्याय से समझौते के समान है। यहां परीक्षार्थियों और अधिकारियों तथा पुलिसकर्मियों के बीच नोंक झोंक हुई। परीक्षार्थियों ने दोबारा परीक्षा कराने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
बिलासपुर में भी हंगामा
न्यायधानी बिलासपुर के परीक्षा केंद्र में भी यह समस्या देखने को मिली। यहाँ डीपी विप्र कॉलेज केंद्र में परीक्षा दिलाने पहुंचे कुछ परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिलाने से वंचित होने के बाद आरोप लगाया है कि समय सीमा में पहुंचने के बावजूद भी उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया जबकि अन्य को परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। इस आरोप को गंभीरता से ले बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने एसडीएम मनीष साहू एवं अन्य अधिकारियों को तत्काल मौके पर जांच करवाने के लिए भेजा। अधिकारियों ने परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी का अवलोकन किया तब यहां स्पष्ट हुआ कि समय सीमा के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया गया है।
अलग-अलग टाइमिंग के चलते बनी विवाद की स्थिति
दरअसल इस समस्या के पीछे व्यापम की गलती नजर आ रही है। कुछ परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र में परीक्षा हाल में प्रवेश की आखिरी टाइमिंग साढ़े दस बजे अंकित थीं वहीं कुछ परीक्षार्थियों के में 10:45 अंकित थी। 10:45 जिन परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र में टाइमिंग थी वे साढ़े दस के बाद पहुंचे और परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं मिलने पर हंगामा मचाने लगे। तब अधिकारियों ने पहुंच कर जांच की और यह गड़बड़ी सामने आई। जिन परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड में 10.45 प्रवेश की अंतिम समय सीमा लिखी थी उनके परीक्षा केंद्र से दोबारा एडमिट कार्ड जब अधिकारियों ने डाउनलोड करवाया तो वापस टाइमिंग 10:30 आने लगी। व्यापम के इस लापरवाही का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ा।