CG – दलपत सागर को जलकुंभी मुक्त करने नगर निगम की पहल : महापौर, कलेक्टर और आयुक्त ने किया निरीक्षण…

दलपत सागर को जलकुंभी मुक्त करने नगर निगम की पहल : महापौर, कलेक्टर और आयुक्त ने किया निरीक्षण…
जलकुंभी हटाने का अभियान डेमो के रूप में प्रारंभ, जल्द होगा औपचारिक शुभारंभ…
जगदलपुर। शहर के प्रमुख जलस्रोत दलपत सागर को जलकुंभी से मुक्त करने की दिशा में नगर निगम द्वारा एक बड़ा और महत्त्वपूर्ण प्रयास प्रारंभ किया गया है। इस अभियान की तैयारियों का निरीक्षण आज महापौर संजय पाण्डे, कलेक्टर हरिश एस एवं नगर निगम आयुक्त प्रवीण कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से किया।
दलपत सागर में बीते पांच दिनों से जलकुंभी हटाने की डेमो प्रक्रिया चलाई जा रही है। इस डेमो के माध्यम से तकनीकी पद्धतियों और उपलब्ध संसाधनों का मूल्यांकन एवं परीक्षण किया जा रहा है, ताकि आने वाले समय में बड़े पैमाने पर अभियान को किसी भी प्रकार की बाधा के बिना संपन्न किया जा सके।
महापौर संजय पाण्डे एवं आयुक्त प्रवीण कुमार वर्मा बीते कुछ दिनों से लगातार दलपत सागर स्थल का दौरा कर तकनीकी अमलों के साथ इस कार्य की निगरानी कर रहे हैं। इस अभियान के सफल संचालन के लिए जल संसाधन, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए बहुआयामी रणनीति बनाई गई है।
कलेक्टर हरिश एस ने आज स्थल पर पहुंचकर जलकुंभी हटाने की प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण किया और नगर निगम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह अभियान जनभागीदारी से जुड़कर एक जन आंदोलन का रूप ले और शहरवासियों को इसका सीधा लाभ मिले।
जल्द होगा भव्य शुभारंभ
नगर निगम द्वारा जल्द ही इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ एक भव्य कार्यक्रम के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें शहर के गणमान्य नागरिक, प्रबुद्धजन, समाज प्रमुख, जनप्रतिनिधि और मीडिया प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे। यह कार्यक्रम दलपत सागर की साफ-सफाई और संरक्षण को लेकर जनजागरूकता का संदेश देगा।
इस अवसर पर नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन, एमआईसी सदस्य निर्मल पाणिग्रही, लक्ष्मण झा, त्रिवेणी रंधारी, पूनम सिन्हा, बसंती समरथ, विमल पाण्डे, नगर निगम के अन्य जनप्रतिनिधि तथा तकनीकी अमला उपस्थित रहे।
नगर निगम की अपील
नगर निगम ने सभी शहरवासियों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय सहयोग प्रदान करें और दलपत सागर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने में योगदान दें।
यह पहल न केवल जलस्रोत की शुद्धता को बहाल करेगी बल्कि पर्यावरण संतुलन और जनस्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।