CG High Court : DSP की शादी को समाज ने किया बहिष्कार, हाईकोर्ट ने समाज के पदाधिकारियों को लगाई फटकार, जानिए क्या कहा…..

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने अंतरजातीय विवाह करने वाले नक्सल आपरेशन में पदस्थ डीएसपी डा. मेखलेंद्र प्रताप सिंह को बहिष्कृत करने की कोशिश करने वालों पर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, कोई भी समाज संविधान से ऊपर नहीं है और व्यक्तिगत जीवन में दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी. डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सतगढ़ तंवर समाज के पदाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अंतरजातीय विवाह न सिर्फ भारतीय संविधान द्वारा मान्य है, बल्कि सामाजिक समरसता और समानता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
बताया जा रहा कि, जब सतगढ़ तंवर समाज के पदाधिकारियों ने डीएसपी व उनके रिश्तेदारों का बहिष्कार किया और इसकी शिकायत बेलगहना पुलिस चौकी में की गई। शिकायत के बाद जांच के लिए कोटा एसडीओपी ने समाज के पदाधिकारियों को बयान के लिए बुला रही थीं, तब समाज की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी कि पुलिस उन्हे तंग कर रही है। इस मामले को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने समाज के पदाधिकारियों को फटकार लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।
बता दें कि डीएसपी डा. मेखलेंद्र प्रताप सिंह, कांकेर जिले में नक्सल आपरेशन में तैनात हैं और वर्तमान में आसमा सिटी, सकरी बिलासपुर में उनका निवास है। उन्होंने सरगुजा जिले के बरगवा गांव की एक युवती से प्रेम विवाह किया, जो कि अंतरजातीय था। इस पर सतगढ़ तंवर समाज के कुछ लोगों ने नाराजगी जाहिर की और समाज की बैठक बुलाकर डीएसपी और उनके परिवार के बहिष्कार का निर्णय ले लिया। इस मामले में कुछ दिन पहले ही पुलिस ने अपराध भी दर्ज किया है।