CG – मेगा पेटीएम जेडी बस्तर पहुंचे तोकापाल…

मेगा पेटीएम जेडी बस्तर पहुंचे तोकापाल
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश के अनुसार 8 अगस्त को संपूर्ण छत्तीसगढ़ में मेगा पीटीएम का आयोजन किया गया था ।इस संदर्भ में बस्तर कलेक्टर हरीश एस एवं जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर बलिराम बघेल ने संपूर्ण बस्तर जिला के मेगा पेटीएम को सफल करने के लिए शिक्षकों को मार्गदर्शन दिया था।
इसी संदर्भ में बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक शिक्षा राकेश पांडे ने बस्तर जिला के अंदरूनी क्षेत्रों में भी भ्रमण किया इसी कड़ी में उन्होंने आकस्मिक रूप से स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी हिंदी माध्यम विद्यालय तोकापाल में बैठक के दौरान आकस्मिक रूप से उपस्थित हुए। इस बैठक में एसएमडीसी के अध्यक्ष एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष रितेश दास जोशी, जनपद अध्यक्ष एवं समिति की सदस्य रामवती भंडारी, एसएमडीसी सदस्य शांति नाग, सोनमती घोष, मेघराज सिंह ठाकुर, संदीप ठाकुर, खंड शिक्षा अधिकारी तोकापाल पूनम सलाम,संस्था के प्राचार्य विधु शेखर झा,जयप्रकाश पाठक, बीआरसी अजय शर्मा ,तरुण ठाकुर, इरम रहीम, संकुल समन्वयक कमलेश कश्यप सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।
उनकी उपस्थिति में बैठक संचालित हो रही थी जिसे देखकर संयुक्त संचालक ने प्रसन्नता व्यक्त की। जनपद अध्यक्ष रामवती भंडारी ने बताया कि संस्था की समस्या रनिंग वाटर की है जिसका समाधान पालक के माध्यम से तथा शासन के द्वारा भी किया जा रहा है।
संयुक्त संचालक शिक्षा राकेश पांडे ने शिक्षकों से संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप स्कूल में हैं तो स्कूल की बात करो।घर में हो तो घर के रहो ।जहां हो वही के पूर्ण रूप से रहो।
तभी सही परिणाम आएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सारे विद्यार्थियों के नाम मालूम होने चाहिए उनके माता-पिता का नाम, घर कहां है ? सभी कुछ मालूम होना चाहिए तभी आदर्श शिक्षक होंगे ।विद्यार्थी किस स्थिति में रह रहा है उसकी समझ और मूल्यांकन होना चाहिए। तभी शिक्षक विद्यार्थी को अच्छे से समझेंगे तब ही उसे सही रूप से गढ़ सकेंगे। बच्चों का माइक्रो ऑब्जरवेशन होना चाहिए पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद साहित्य कविता सहित विद्यार्थी की जहां रुचि हो उसे समझें और उसे अवसर प्रदान करें।
उन्होंने आगे कहा कि पढ़ाई करने के साथ-साथ कॉम्पिटेटिव एक्जाम की भी तैयारी करवाएं विद्यार्थी को समाज के प्रति शाह हृदय बनाएं। शिक्षक प्रतिदिन स्वयं अध्ययन कर स्कूल में आएं।
शिक्षकों की मीटिंग के पश्चात उन्होंने निरीक्षण टीम भी सकारात्मक रूप से लिखा। जिसमें उन्होंने बेहतरीन समन्वय तथा पालकों की उपस्थिति एवं सक्रियता तथा व्यवस्था से संतुष्टि का उल्लेख किया। इस बैठक में लगभग 90 लोगों की उपस्थिति देखी गई।