राजस्थान

जयगुरुदेव नाम बोलने की आदत डाल लो, मुसीबत में जब जयगुरुदेव नाम मुँह से निकलेगा तब जयगुरुदेव मदद करेंगे – बाबा उमाकान्त महाराज

जयगुरुदेव नाम बोलने की आदत डाल लो, मुसीबत में जब जयगुरुदेव नाम मुँह से निकलेगा तब जयगुरुदेव मदद करेंगे – बाबा उमाकान्त महाराज

जयगुरुदेव नाम गुरु महाराज से जुड़ा हुआ नाम है, जो इस समय पर सतपुरुष में समाए हुए हैं

झुंझुनू, राजस्थान। बाबा उमाकान्त महाराज ने 08 अगस्त 2025 के सतसंग में कहा कि बच्चे को जब ठोकर लगती है तो वह बड़े भाई को, पिता को, दादा को आवाज लगाता है। मौत के समय तो बहुत पीड़ा होती है। कहते हैं अगर मांस में चोट लग गई है तो हल्दी से सिकाई कर दो, हल्दी, प्याज पीस कर के बांध दो तो दर्द खत्म हो जाएगा। लेकिन अगर चोट हड्डी तक पहुंच गई तब उसकी अंदर तक की सिकाई देर तक करनी पड़ती है, ताकि हड्डी की चोट जाए। तो मौत के समय हड्डी – हड्डी चटकती है क्योंकि हड्डियों में यह नसें चिपकी हुई हैं। जब यमराज के दूत इस शरीर को खाली कराने के लिए आते हैं तब यह जीवात्मा रोती है और इधर-उधर भगती है कि कोई भी बचा ले। लेकिन बचाने वाले देख पाएंगे तब तो छुड़ाएंगे! क्योंकि वे यमराज के दूत इन बाहरी आंखों से दिखाई ही नहीं पड़ते हैं।

जयगुरुदेव नाम जो प्रभु का नाम है, इसको अगर बराबर याद करते रहोगे, तो गुरु महाराज मदद करते हैं।

बराबर जयगुरुदेव बोलना चाहिए

जयगुरुदेव नाम किससे जुड़ा हुआ है? गुरु महाराज से जुड़ा हुआ है जो इस समय सतलोक के वासी हैं, सतपुरुष में समाए हुए हैं। उन्होंने ही इस नाम को वहाँ से जोड़ा था और अब वे वहाँ पहुंच गए हैं। तो गुरु महाराज मदद करते हैं, मदद करेंगे। इसीलिए बराबर जयगुरुदेव बोलना चाहिए।

घर से निकले तो जयगुरुदेव, खेत की जुताई करो तो जयगुरुदेव, दुकान का ताला खोलो तो जयगुरुदेव, सामान तोलो तो जयगुरुदेव, दफ्तर में काम करने से पहले जयगुरुदेव, बच्चों! पढ़ने के लिए जब बैठो तो अंतर में जयगुरुदेव बोल लो। इससे जयगुरुदेव बोलने की आदत बन जाएगी, और मुंह से जब जयगुरुदेव निकलेगा और जयगुरुदेव जब सुनेंगे तब मदद करेंगे।

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