छत्तीसगढ़

CG – चाकू के 17 बेरहम वार, छाती-पेट छलनी, फेफड़े फटे, आंत कट गई, फिर जो हुआ…. मौत को मात देकर लौटा युवक, ऐसे मिली नई जिंदगी…..

बिलासपुर। ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोय’ ये कहावत सिम्स के डॉक्टरों की टीम ने सच कर दिखाया है। चाकू के 17 बेरहम वार, छाती-पेट छलनी, फेफड़े फटे, आंत कट गई… लेकिन जिंदगी ने हार नहीं मानी। सिम्स के डॉक्टरों की टीम ने ऐसा अद्भुत कारनामा कर दिखाया कि सुनकर हर कोई दंग रह जाए। घटना 31 जुलाई की है, आरोपी ने 19 वर्षीय युवक पर लगातार 17 बार चाकू से हमला कर दिया। खून से लथपथ युवक को जब सिम्स लाया गया, तब उसकी सांसें टूट-टूटकर चल रही थीं, छाती में गहरे घाव से फेफड़े फट चुके थे, हवा पूरे शरीर की त्वचा के नीचे फैल चुकी थी, और पेट के अंदरूनी हिस्से भी बुरी तरह चीरे गए थे।

मामला गंभीर देख सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनोद तामकनंद और पीजी डॉक्टर गरिमा ने बिना वक्त गंवाए ऑपरेशन शुरू किया। एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. भावना रायजादा, डॉ. शीतल, डॉ. प्राची और नर्सिंग स्टाफ की सिस्टर मीना ने जान बचाने की इस जंग में पूरा साथ दिया। ऑपरेशन में कट चुकी आंत को जोड़ा गया, फटे डायफ्राम की मरम्मत हुई और फेफड़ों को फिर से सांस लेने लायक बनाया गया।

सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने भी तुरंत दवाएं और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए। कई घंटे की जद्दोजहद के बाद ऑपरेशन सफल रहा। मौत को मात देकर युवक ने दोबारा आंखें खोलीं और आज वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट चुका है।

Related Articles

Back to top button