CG- 2 तहसीलदार सस्पेंड ब्रेकिंग : कमिश्नर ने की बड़ी कार्रवाई, तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से किया सस्पेंड, इस वजह से हुई बड़ी कार्रवाई, जाने पूरा मामला…..

रायगढ़। आंगनबाड़ी भवन का बेदखली आदेश जारी करने वाले और बेदखली के लिए वारंट जारी करने वाले दो तहसीलदारों को निलंबित कर दिया गया है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के प्रतिवेदन के आधार पर पुसौर की तत्कालीन तहसीलदार और वर्तमान तहसीलदार के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही संभाग कमिश्नर सुनील जैन ने की है।
पुसौर तहसील के छातामुड़ा पटवारी हल्का नंबर 6 खसरा नंबर 142/47 में वार्ड क्रमांक 34 विनोबा नगर में सन 2001–2002 में आंगनबाड़ी भवन बनाया गया था। उक्त आंगनबाड़ी भवन के लिए भूमि स्वामी ने स्वेच्छा से जमीन दान दी थी। 25 वर्षों तक आंगनबाड़ी भवन का संचालन इस भूमि पर बने भवन में होता रहा। पर रविवार के दिन एक व्यक्ति आंगनबाड़ी भवन की जमीन को अपना बता कर वहां पहुंच गया और भवन में तोड़फोड़ करने लगा। जिसका की स्थानीय नागरिकों ने विरोध किया। मौके पर पार्षद और महापौर भी पहुंचे। जमीन पर मालिकाना हक बताने वाले व्यक्ति ने पुसौर तहसीलदार के द्वारा अपने पक्ष में पारित आदेश की प्रति दिखाई। बवाल मचाने पर एसडीएम महेश शर्मा को कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने मौके पर भेजा।
मामले को संज्ञान में लेकर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने जब छानबीन की तो पता चला कि पूर्व में पुसौर में पदस्थ तहसीलदार नेहा उपाध्याय ( वर्तमान में खरसिया तहसीलदार) ने अपनी पदस्थापना के दौरान तीन अन्य विरुद्ध प्रभारी अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रायगढ़ के प्रकरण में भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 250 के तहत आवेदन के तारतम्य में 30 जून 2025 को बेदखली की कार्यवाही करते हुए अनावेदक पक्षकार प्रभारी अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रायगढ़ द्वारा वार्ड भूमि पर निर्मित कराए गए शासकीय आंगनबाड़ी भवन को रिक्त कर वादभूमि का कब्जा आवेदक पक्षकार को देने का आदेश जारी हुआ है। यह भवन आम जनता के करो के पैसे से निर्मित शासकीय एवं सार्वजनिक संपत्ति है। उक्त प्रकरण में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के आदेश से एसडीएम महेश शर्मा ने प्रकरण की मूल आदेश पत्रिका एवं प्रकरण से संबंधित विभिन्न दस्तावेजों का सूक्ष्म अवलोकन किया। जिसमें जारी आदेश में कई विसंगतियां और प्रक्रियात्मक त्रुटियां पाई गई।
इसी तरह वर्तमान पुसौर तहसीलदार संदीप सिंह राजपूत ने वादभूमि के अनावेदक पक्षकार प्रभारी अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग रायगढ़ के विरुद्ध बेदखली वारंट जारी किया था। जबकि भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 38 में यह प्रावधानित है कि कब्जाधारी व्यक्ति को इस आशय की सूचना शामिल करते हुए संबंधित व्यक्ति से युक्तियुक्त अवधि के अंदर कब्ज़ा रिक्त किए जाने की अपेक्षा की जानी चाहिए। परंतु इस प्रकरण में 14 अगस्त 2025 को जारी बेदखली वारंट की सूचना अनावेदक प्रभारी महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी रायगढ़ को तामील करवाए जाने का कोई प्रमाण इस प्रकरण में नहीं था। बिना सूचना तामिली के रविवार अवकाश के दिन उक्त भूमि पर निर्मित आंगनबाड़ी भवन को यदि तोड़ दिया जाता तो जनता के करो के पैसे से निर्मित भवन का नुकसान होता। उक्त कार्यवाही भी विधि विरुद्ध है।
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के प्रतिवेदन के पश्चात संभाग कमिश्नर सुनील जैन ने पुसौर के वर्तमान तहसीलदार संदीप सिंह राजपूत और पूर्व तहसीलदार नेहा उपाध्याय वर्तमान में खरसिया में पदस्थ को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय जिला रायगढ़ नियत किया गया है।
वही आंगनबाड़ी में तोड़फोड़ करने पहुंचे दीपक महोबिया,मुकेश कुमार जैन ,फिदा हुसैन पर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कड़ी कार्यवाही की है। तीनों के खिलाफ जूटमिल थाना में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर जेल दाखिल करवाया गया है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने स्पष्ट कर दिया है कि कानूनों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।