छत्तीसगढ़

CG – आयोग की समझाईश पर आवेदिका को पति देगा 7 लाख रू. एकमुश्त भरण-पोषण…

आयोग की समझाईश पर आवेदिका को पति देगा 7 लाख रू. एकमुश्त भरण-पोषण।

आयोग द्वारा मेडिकल छात्रा को जाति प्रमाण पत्र नहीं देने वाले पटवारी, कोटवार को निलंबित और सरपंच को पद से हटाने की अनुशंसा किया गया।

आवेदिका को अनुभव प्रमाण पत्र व बकाया 45 हजार रू. वेतन दिलाया गया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक, सदस्यगण लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया, ओजस्वी मण्डावी एवं सुश्री दीपिका शोरी ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर आज 339-40 वी. एवं रायपुर जिले में 161-62 वी. जनसुनवाई की गई।

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनो अनावेदक पक्ष ने आवेदिका को अनुभव प्रमाण पत्र और बकाया वेतन 45 हजार रू. चेक एवं प्रमाण पत्र की काॅपी आयोग के समक्ष प्रदान किया। इस स्तर पर आवेदिका के आवेदन का उद्देश्य पूर्ण होने से प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका व अनावेदक पति-पत्नि है। दूसरी महिला व उसका पति भी सुनवाई में उपस्थित हुए। आवेदिका ने दूसरी महिला व अपने पति पर अवैध संबंध की शिकायत की है। दोनो पक्षों को विस्तार से सुना गया। आयोग ने दूसरी महिला को समझाईश दिया कि वह अपना कारोबार आवेदिका के पति से अलग कर बातचीत ना करें व कोई भी संबंध ना रखे। यदि उनकी आपस में कोई व्यवसायिक संबंध में मिलने की दशा में काउंसलर को फोन कर जानकारी देगें। उस मीटिंग में आवेदिका भी अनावेदक(पति) के साथ जायेगी। वर्तमान में दोनो अनावेदकगणों का प्रोजेक्ट एक साथ है। प्रोजेक्ट समाप्त होने तक यह निर्णय बंधनकारी रहेगा। आयोग ने कहा कि किसी भी स्थिति में अनावेदक (पति) दूसरी महिला अकेले में नहीं मिलेंगे। ऐसी घटना होने पर आवेदिका उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवा सकेगी।

एक प्रकरण के दौरान आवेदिका ने बताया कि अनावेदक(पति) आवेदिका से बिना तलाक लिए दूसरी महिला के साथ रह रहा है जिससे उसका एक वर्षीय बच्चा भी है। उनहोने आवेदिका के 06 वर्षीय बच्चे को भी अपने पास रख रखा हैं दूसरी महिला पटवारी हल्का नं. 25 तह. बिल्हा बिलासपुर में 2017 से पदस्थ है। शासकीय कर्मचारी है और नियम-कानून अच्छी तरह से जानती है। कि न्यायालय के आदेश के बिना वह आवेदिका के नाबालिक बच्चे को अपने पास नहीं रख सकती। अनावेदिका(दूसरी महिला) ने आयोग के समक्ष यह स्वीकार किया कि अप्रैल 2022 से आवेदिका के पति के साथ वह लिव इन में रह रही है। आयोग में मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनकर आयी है और झूठ कह रही है कि उसने विवाह नहीं किया है। आवेदिका को समझाईश दिया गया कि वह आयोग कि सर्टिफाईड काॅपी लेकर बिलासपुर कलेक्टर के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकती है। दोनो पक्षों के मध्य न्यायालय में केस चल रहाहै इस स्तर पर आयोग से प्रकरण नसतीबध्द किया गया।

एक प्रकरण में आवेदिका की ओर से आवेदिका का भाई उपस्थित हुआ। आवेदिका के भाई ने बताया कि उसकी बहन को लंग्स कैंसर है और 02 वर्षों से उसका ईलाज चल रहा है। अनावेदक(पति) के द्वारा आवेदिका के ईलाज व भरण-पोषण हेतु कोई राशि नहीं दिया जा रहा है। आवेदिका के भाई ने अनुरोध किया है कि शादी में परिवार की ओर से आवेदिका को जो भी सामान दहेज में दिया गया था वो दिलाया जाये ताकि आवेदिका का ईलाज हो सके। ईलाज का खर्च 1 लाख 20 हजार रू. प्रति माह लगता है। आयोग की समझाईश पर अनावेदक आवेदिका का समस्त स्त्रीधन देने के लिए तैयार है। दोनो पक्षों के मध्य सामान का आदान-प्रदान होने व काउंसलर की रिपोर्ट के पश्चात् प्रकरण में अंतिम निर्णय लिया जायेगा।

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वह नीट की परीक्षा पास कर चुकी है और उसे 439 अंक प्राप्त हुए है। उसका मेडिकल काॅलेज में एडमिशन के लिए जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। अनावेदक पटवारी हल्का नं. 23 जिला महासमुंद के द्वारा आवेदिका के स्व. पिता को वंशावली बनाकर देने से इंकार किया जा रहा है। अनावेदक सरपंच पूर्व में वंशावली में हस्ताक्षर करके दे चुका है लेकिन आज पटवारी और कोटवार के साथ मिलकर आवेदिका के जाति प्रमाण पत्र बनने में रूकावट डाल रहा है। आयोग के द्वारा अनावेदक पटवारी, सरपंच व कोटवार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर निलंबन की अनुशंसा किया गया। आवेदिका को एम.बी.बी.एस. में प्रवेश हेतु 1 सप्ताह के अंदर जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने की अनुशंसा भी कलेक्टर महासमुंद द्वारा किया जायेगा। अनावेदकगणों की बदमाशी की वजह से आवेदिका 2024 में भी नीट की परीक्षा पास करने के बावजूद एम.बी.बी.एस. शिक्षा के लिए नहीं जा सकी। कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही करने का निर्णय आयोग द्वारा किया जायेगा।

अन्य तीन प्रकरण में आवेदिकागणों ने एक ही अनावेदक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी है। जिसमें अनावेदकगणों द्वारा आवेदिकागणों को जातिसूचक गाली-गलौच कर मारपीट करने अपशब्द कहने व अस्मिता और स्वाभिमान को चोट पहुंचाये जाने से संबंधित शिकायत की। सुनवाई की सूचना मिलने के बाद भी अनावेदकगण आयोग में अनुपस्थित रहे। प्रकरण की गंभीरता को देखते अनावेदकगणों की पुलिस के माध्यम से उपस्थिति हेतु पत्र व डी.जी.पी. को पत्र प्रेषित किया जायेगा कि घटना दिनांक 25 जुलाई 2025 के समस्त ब्ब्ज्ट फुटेज लेकर आयोग में प्रस्तुत करें ताकि इस प्रकरण में आवेदिका की शिकायत की जांच की जा सके।

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