छत्तीसगढ़

CG ब्रेकिंग : जेल में ही रहेंगे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य, फिर इतने दिनों के लिए बढ़ी रिमांड, इस घोटाले में हैं आरोपी……

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को आज 5 दिन की ED कस्टोडियल रिमांड खत्म होने के बाद शनिवार को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। बता दें पिछले 5 दिनों में प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाला और मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में चैतन्य से नए तथ्यों पर पूछताछ की है। फिलहाल चैतन्य बघेल को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर 6 सितंबर तक के लिए जेल भेजा गया। अब इस मामले में 6 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।

बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड समाप्त होने के पश्चात आज न्यायालय में पेश किया गया था। ईडी ने चैतन्य बघेल की 14 दिनों की न्यायिक रिमांड का आवेदन लगाया था, जिसे माननीय विशेष न्यायालय ने स्वीकार करते हुए चैतन्य को 6 सितंबर तक की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला सुनाया है।

बता दें कि 19 अगस्त को विशेष कोर्ट ने ED के आवेदन पर चैतन्य को 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर भेजा था। दरअसल, ईडी ने अदालत में दलील दी थी कि जांच के दौरान नए तथ्य सामने आए हैं और चैतन्य बघेल से पूछताछ जरूरी है। इससे पहले सोमवार 18 अगस्त को उनकी 14 दिन की न्यायिक रिमांड पूरी होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। उस दौरान अदालत ने उन्हें एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।

ED ने चैतन्य बघेल को जन्मदिन के दिन किया था गिरफ्तार

21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल कार्यालय की ओर से प्रेस नोट में दी गई जानकारी के अनुसार, ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है। शराब घोटाले की जांच ईडी ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (पीओसी) घोटाले से जुड़े लाभार्थियों की जेब में पहुंचाई गई।

चैतन्य को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले

ईडी की जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने उक्त पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की उक्त नकद राशि का उपयोग अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनके प्रोजेक्ट के ठेकेदार को नकद भुगतान, नकदी के खिलाफ बैंक प्रविष्टियों आदि के माध्यम से किया गया था। उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल है जो इंगित करता है कि लेन-देन की प्रासंगिक अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया।

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