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Contract Employees Regularization : संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी,सरकार ने परमानेंट करने का दिया आश्वासन,जल्द होगी नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू…

Contract Employees Regularization : मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संविदा और एस.एफ.एस. कर्मचारियों ने अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर एक बार फिर आवाज उठाई है।

Contract Employees Regularization : मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संविदा और एस.एफ.एस. कर्मचारियों ने अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर एक बार फिर आवाज उठाई है।

विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष नारायणलाल सालवी के नेतृत्व में पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल सर्किट हाउस में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महोदय को कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया और इनका शीघ्र समाधान निकालने के लिए निवेदन किया।

कर्मचारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 327 संविदा कर्मचारी हैं, जिनमें से 50 कर्मचारी 10 से 15 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें स्थाई नियुक्ति नहीं मिल पाई है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

नियमितीकरण का मिला आश्वासन

नियमितीकरण की मांग को लेकर विश्वविद्यालय कर्मचारी संगठन का प्रतिनिधिमंडल संरक्षक प्रतीक सिंह राणावत और अध्यक्ष नारायणलाल सालवी के नेतृत्व में जयपुर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में दिनेश गुर्जर, मोहम्मद युनुस, सूर्यप्रकाश, भूडा राम, मनीष बंसल सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
जयपुर में प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा से मुलाकात की। कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से बताते हुए अनुरोध किया कि विश्वविद्यालय में एजेंसी लागू न की जाए और नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो। बैरवा ने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एजेंसी लागू नहीं की जाएगी और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।
इसके बाद, प्रतिनिधिमंडल ने प्रोफेसर मंजू बाघमार, जो कि पीडब्ल्यूडी और बाल विकास विभाग की राज्य मंत्री हैं, से भी मुलाकात की। मंत्री महोदया ने कर्मचारियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और समाधान में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

संविदा कर्मचारियों की समस्याएं और मांगें

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों की समस्याएं वर्षों पुरानी हैं। 2004 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों को स्थिर वेतन और सेवा सुरक्षा का भरोसा दिया गया था, लेकिन आज तक नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।

2022 और 2023 में राज्य सरकार द्वारा स्क्रीनिंग प्रक्रिया और संविदा कर्मचारियों के स्थायीकरण को लेकर निर्देश जारी किए गए थे। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन निर्देशों को पूरी तरह लागू नहीं किया। इससे कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग क्या है?

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग है कि उन्हें स्थाई नियुक्ति दी जाए, क्योंकि 327 संविदा कर्मचारियों में से 50 कर्मचारी 10 से 15 वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन अब तक उनका नियमितीकरण नहीं किया गया है।

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

कर्मचारियों ने राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और मंत्री मंजू बाघमार से मुलाकात की और नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में किस तरह की समस्याएं आ रही हैं?

संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देशों को पूरी तरह लागू नहीं किया है, जिससे कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

2022 और 2023 में सरकार ने क्या निर्देश जारी किए थे?
2022 और 2023 में राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों की स्थायीकरण प्रक्रिया को लेकर स्क्रीनिंग और निर्देश जारी किए थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन्हें पूरी तरह से लागू नहीं किया।

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के बारे में नवीनतम स्थिति क्या है?
कर्मचारियों को नियमितीकरण का आश्वासन दिया गया है, और मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा है कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एजेंसी लागू नहीं की जाएगी और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।

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