CG – गायता ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए जि.पं. उपाध्यक्ष हिरासिंह नेताम…

गायता ठाकुर जोहारनी कार्यक्रम में शामिल हुए जि.पं. उपाध्यक्ष हिरासिंह नेताम
फरसगांव/हरवेल। कोंडागांव जिले के केशकाल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत धामनपुरी में गायता ठाकुर जोहारनी (पुना तिंदाना पण्डुम) बीते दिनों कार्यक्रम आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में कोंडागांव जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हिरासिंह नेताम बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में सैकड़ो की भीड़ उपस्थित हुई। सर्वप्रथम ग्रामवासियों व निकटस्थ अंचल से आए ग्रामीणों एवं लया लयोर, ग्राम के पटेल, गांयता व पुजारी के उपस्थिति में सेवा अर्जी करके जोहारनी का शुभारंभ किया गया। विदित हो कि सदियों से चली आ रही परम्परा के अनुसार पुनांग पण्डुम के दिन नये अन्न को इष्ट देव बुढ़ादेव को अर्पित करने के पश्चात पूरे कुटुंब परिवार के समस्त लोग एक जगह एकत्रित होकर नये अन्न से बने चिवड़ा, रोटी व अन्य पकवान एक घर में बैठकर सारे लोगों के द्वारा ग्रहण किया जाता है तथा दूसरे दिन गांव के समस्त लोग आपस में गले मिलकर व बड़ों के चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लेते हैं।
हिरासिंह नेताम ने अपने उद्बोधन में कहा की आज जिस तरह से यह भीड़ उमड़ पड़ी हैं इससे यह साफ जाहिर हो रहा हैं की आज भी अपनी संस्कृति बरकरार हैं मुझे बहुत ख़ुशी हो रही की प्रति वर्ष के भांति इस वर्ष भी नवाखाई त्यौहार बनाने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा हैं जब से मेरा सफर शुरू हुआ हैं मैंने इस त्यौहार को बहुत ही सादगी रूप से इसको संजोये कर रखा हैं और क्षेत्र के अलग अलग ग्राम पंचायत में इस तरह का कार्यक्रम रखकर लोगों से मिलने का अवसर प्राप्त होता हैं।
इस तरह हमारे पूर्वजों के द्वारा चलती आ रही पावन अवसर को कभी पीछे की ओर नहीं करना हैं हम बस्तरवासियों के लिए ऐसे पारम्परिक त्यौहारों को बरकरार रखकर अपने नये पीढ़ी एवं आने वाले भविष्य के लोगों को इससे परिचित कराते रहना चाहिए ताकि किसी भी स्थिति में अपनी परम्परा को नहीं भूलना चाहिए आज भी मुझे याद हैं ऐसे कार्यक्रम करने में बहुत ही दिक्कते आती रहती हैं लेकिन आप लोगों की साथ और एकता का यही एक मिसाल दिख रहा हैं जो की आज सैकड़ो की संख्या में आज मौजूद हो इससे और मन प्रसन्न बढ़ता हैं।
कार्यक्रम में रेला नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र
आपको बता दें कि पुनांग पंडुम के बाद ठाकुर जोहारनी में विभिन्न प्रकार के नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें हुल्की नृत्य, मांदरी नृत्य व गुट्टा मांदरी नृत्य , सहित रेला नृत्य किया गया जहां पर रेला नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।