छत्तीसगढ़

मंडल लखनपुर में उत्साहपूर्वक सुना गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का मन की बात का 126वां संस्करण।


((नयाभारत सितेश सिरदार लखनपुर)):–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रसारित मन की बात कार्यक्रम के 126वें संस्करण का सीधा प्रसारण रविवार को पूरे देश के साथ-साथ लखनपुर मंडल में भी उत्साह और गरिमा के साथ सुना गया। मंत्री निवास में इस कार्यक्रम का सामूहिक श्रवण मंडल अध्यक्ष दिनेश बारी के नेतृत्व में किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित होकर प्रधानमंत्री के प्रेरणादायी विचारों से लाभान्वित हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर की मधुर और अमर आवाज के साथ की, जिसने पूरे वातावरण को संगीतमय बना दिया। उन्होंने आगामी शारदीय नवरात्रि और छठ पूजा जैसे सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पर्वों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं।
आर्थिक आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने पुनः “वोकल फॉर लोकल” अभियान की महत्ता समझाई और सभी नागरिकों से स्थानीय उत्पादों को अपनाने व प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने जीएसटी उत्सव की जानकारी साझा की और कहा कि यह देश की आर्थिक मजबूती का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने आगामी 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु खादी वस्त्रों की खरीदारी करने की अपील की,मंडल लखनपुर के सभी  50 पोलिंग बूथों में भी मन की बात का श्रवणकिया।
मंडल लखनपुर में इस सामूहिक श्रवण कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मंडल अध्यक्ष दिनेश बारी, पूर्व मंडल अध्यक्ष दिनेश साहू, मंत्री प्रतिनिधि राकेश अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, यतेन्द्र पाण्डेय, सुरेश साहू, सुरेश जायसवाल, सतनारायण साहू, सुरेन्द्र साहू, शिवराज सिंह, निशांत गुप्ता, अमित बारी, राजेन्द्र गुप्ता, अवधेश यादव, सचिन बारी, महमूद अली, तुलसी रजवाड़े, नरेंद्र सिंह, कृष्णा राजवाड़े सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पूरे कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं में उत्साह और जोश साफ झलक रहा था। प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन को सुनते समय अनेक अवसरों पर उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। यह अवसर केवल मन की बात सुनने का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री जी के संदेशों को आत्मसात कर उन्हें जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लेने का भी रहा।

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