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CG:एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल बेमेतरा में 15 वर्षों से गरबा महोत्सव की रंगारंग धूम और भव्य आयोजन…मी एंड मॉम” थीम पर आधारित.. गरबा महोत्सव कार्यक्रम में पहुंची स्कूल की संचालिका एवं पंडरिया विधायक भावना बोहरा

गरबा महोत्सव


संजू जैन:7000885784
बेमेतरा:एकेडमिक वर्ल्ड स्कूल बेमेतरा ने विगत 15 वर्षों से अपने पारंपरिक गरबा महोत्सव का भव्य आयोजन किया। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष का आयोजन “मी एंड मॉम” थीम पर आधारित रहा, जो विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच विशेष जुड़ाव को दर्शाता है कार्यक्रम का शुभारंभ माँ दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसे विद्यालय के सभी शिक्षकगणों एवं उपस्थित अभिभावकगणों द्वारा संपन्न किया गया। इसके पश्चात गरबा का शुभारंभ हुआ पूरा विद्यालय प्रांगण रंग बिरंगी रोशनी, सजे हुए पंडालों और तालियों की गूँज से जगमगा उठा विद्यार्थियों और माताओं की पारंपरिक वेशभूषा ने वातावरण को और भी मनमोहक बना दिया। ढोल और गरबा गीतों की धुन पर हर कोई थिरक उठा और विद्यालय परिसर एक उत्सव स्थल में बदल गया इस अवसर पर 2500 से अधिक अभिभावकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण ‘नटखट कान्हा’ और ‘भोली राधा’ की प्रस्तुतियाँ रहीं, जिन्होंने सभी का मन मोह लिया प्रतिभागियों के शानदार प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया:-
मी एंड मॉम श्रेणी में
प्रथम स्थान – गुरलीन कौर एवं उनकी माँ श्रीमती प्रबलीन कौर ने हासिल किया
द्वितीय स्थान पर विनिशा सुराना एवं उनकी माँ आकांक्षा सुराना रहीं

सर्वश्रेष्ठ गरबा प्रदर्शन :
प्रथम स्थान प्रसिद्धि साहू एवं उनकी माँ चंद्रप्रभा साहू ने हासिल किया
द्वितीय स्थान पर समृद्धि गुप्ता एवं उनकी माँ सुनीता गुप्ता रहीं
सर्वश्रेष्ठ गरबा परिधान :
प्रथम स्थान पीहू ठाकुर एवं उनकी माँ सीता ठाकुर ने हासिल किया;
द्वितीय स्थान पर योगिता टोंडरे एवं उनकी माँ निधि टोंडरे रहीं
नटखट कान्हा’ का खिताब : आदित्य केडिया ने हासिल किया
‘भोली राधा’ का खिताब : स्वरा पटेल ने हासिल किया
‘फेस ऑफ द इवनिंग’ (माँ श्रेणी) में : पूजा सिंह ने हासिल किया
‘फेस ऑफ द इवनिंग’ (बालिका श्रेणी) में :अपराजिता शुक्ला ने हासिल किया

विद्यालय प्राचार्य गिरीश कुमार ने अभिभावकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि, “गरबा का यह पर्व केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। माँ दुर्गा की आराधना करते हुए जब वातावरण गीत, संगीत और नृत्य से गूँजता है, तो यह हमें एकता, उत्साह और सामूहिकता का संदेश देता है।आज के इस आयोजन में बच्चों और माताओं की सहभागिता देखकर हृदय गर्व से भर गया। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे समाज की असली ताकत माताएँ हैं और हमारे बच्चे भविष्य की वह रोशनी हैं, जो संस्कृति को आगे बढ़ाएँगे गरबा का हर कदम हमें जीवन में लय और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। जिस प्रकार हम ताल मिलाकर नृत्य करते हैं, उसी प्रकार समाज में भी प्रेम और सहयोग से आगे बढ़ना चाहिए। मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ और कामना करता हूँ कि हमारे विद्यार्थी शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति की जड़ों से भी जुड़े रहें।”

विद्यालय संचालिका भावना बोहरा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, “आज का यह गरबा महोत्सव हमारी भारतीय संस्कृति की जीवंत झलक है। गरबा केवल एक नृत्य नहीं, बल्कि यह शक्ति, भक्ति और आनंद का अद्भुत संगम है। जब माताएँ और बेटियाँ मिलकर गरबा के कदमों पर थिरकती हैं, तो यह दृश्य न केवल मन को प्रसन्न करता है बल्कि हमें हमारी परंपराओं से गहराई से जोड़ता है।हमारा उद्देश्य है कि बच्चों को यह एहसास हो कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें संस्कार, परंपरा और संस्कृति भी निहित हैं। ‘मी एंड मॉम’ थीम ने इस रिश्ते की सशक्तता को प्रमाणित किया है। मैं उन सभी माताओं का आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने अपने बच्चों के साथ भाग लेकर इस आयोजन को और भी रंगीन बना दिया। यही सीख हमारे जीवन की धरोहर है—विद्या के साथ परंपरा और पारिवारिक मूल्यों का संतुलन। मेरी शुभकामनाएँ हैं कि हम सब इस गरबा की तरह जीवन के हर कदम पर उत्साह और उल्लास के साथ आगे बढ़ते रहें।”

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