CG – मां बमलेश्वरी मंदिर के ज्योति कक्ष में आदिवासी युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, गोंड समाज ने ट्रस्ट से की ये मांग…..

डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के मां बमलेश्वरी मंदिर में दुखद घटना सामने आई है। मंदिर के ऊपर स्थित ज्योति कलश कक्ष में ड्यूटी कर रहे आदिवासी युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक युवक का नाम शीतल मंडावी (38 वर्ष) बताया जा रहा है। शीतल हर साल नवरात्र के दौरान ऊपर मंदिर में ज्योति कलश की देखभाल करने वाली टीम का हिस्सा रहता था। इस बार भी शीतल 9 दिनों के लिए ड्यूटी पर लगाया गया था। ज्योति कक्ष में सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों कलश एक साथ जलते हैं, जिससे वहां धुआं और गर्मी बहुत बढ़ जाती है।
बताया जा रहा है कि रात के समय शीतल की तबीयत बिगड़ने पर ऊपर ही मौजूद डॉक्टर ने उसे ऑक्सीजन दी और स्ट्रेचर पर लिटाकर सीढ़ियों से नीचे भेजा। उस समय रोपवे बंद था और कर्मचारी घर जा चुके थे, इसलिए उसी रास्ते से ले जाया गया।
आपको बता दें इस बार ऊपर मंदिर में 7,901 ज्योति कलश जलाए गए थे। इनकी देखरेख के लिए 200 लोगों की टीम बनाई गई थी। ज्योति कक्ष में वेंटिलेशन और एग्जॉस्ट फैन लगे हैं, जो 24 घंटे चलते हैं। ट्रस्ट की ओर से इन कर्मचारियों का बीमा भी कराया जाता है और किसी हादसे में मदद राशि भी दी जाती है। लेकिन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुचिता श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि शीतल मंडावी की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी।
अब इस घटना को लेकर गोंड समाज में गहरा गुस्सा है। समाज के लोगों का कहना है कि अगर शीतल की जगह कोई वीआईपी या किसी बड़े समाज का व्यक्ति होता, तो उसे इस तरह सीढ़ियों से नीचे नहीं उतारा जाता। उनका आरोप है कि शीतल की मौत मंदिर ट्रस्ट की लापरवाही का नतीजा है।
गोंड समाज ने मां बमलेश्वरी मंदिर ट्रस्ट से मांग की है कि शीतल के परिवार को उचित मुआवज़ा और उसकी पत्नी को मासिक पेंशन दी जाए। समाज ने यह भी याद दिलाया कि 2021 में हरनसिंघी गांव के एक युवक की रोपवे ट्रॉली हादसे में मौत हुई थी, तब ट्रस्ट ने पांच लाख रुपये मुआवजा और पेंशन दी थी।