छत्तीसगढ़

CG – क्या जान से कीमती हुआ फसल करंट से बचाने जा रहें खेती बढ़ा चलन पचपेड़ी थाना क्षेत्र में 4 की मौत किसकी लापरवाही फसल या जान दोबारा क्या मिल सकता हैँ सोचिए पढ़े पूरी ख़बर

मस्तूरी के जोंधरा क्षेत्र में किसान फसलो कों इंसानी जान से ज्यादा क़ीमती मानने लगे हैँ हम ऐसा इसलिए बोल रहें हैँ क्यों की क्षेत्र में लगातार ठीक इसी तरीके से कई मौते हो चुकी हैँ जहां मवेशीयों से फसल कों बचाने के लिए लगाए गए बिजली के तार में करंट प्रवाहित कर दी जा रही हैँ जिससे लोंग अनजान होते हैँ और अनजाने में संपर्क में आ कर उनकी मौत हो जा रही हैँ आखिर ऐसा कब तक चलेगा क्यों इन जानलेवा पद्धति से फसल बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कदम नहीं उठाई जा रही।

जोंधरा में नवयुवक की मौत…

बिलासपुर जिले के पचपेड़ी थाना क्षेत्र के जोंधरा में ऐसा ही एक मामला सामने आया हैँ जहां जोंधरा निवासी मुन्नी लाल कुम्भकार नें अपनी फसल मवेशीयों से बचाने खेत कों लोहे की तार से फैंसिंग किया था और उसमे बिजली दौड़ रही थी अनजान 14 वर्षीय बच्चा गौतम केंवट पिता विनोद केंवट इस बात से अनजान था और गलती से संपर्क में आया और मौत हो गई।

इंसान के जान से कीमती हुआ फसल?

जोंधरा के पास पचपेड़ी थाना क्षेत्र के बसंतपुर में फसल बचाने के ही चक्कर में एक किसान ने ऐसे ही चारों ओर खेतों के फेंसिंग लगाया था और जिसमें करंट प्रवाहित हो रहा था जिसके संपर्क में आने से दो लोगों की मौत हो चुकी है इसके बाद कुछ महीना पहले पचपेड़ी थाना क्षेत्र के ही ग्राम पंचायत कोकड़ी में भी ऐसा ही मामला सामने आया था जहां फसल को बचाने के लिए लगाए गए करंट की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी अब ऐसा ही मामला जोंधरा से आया है जहां 14 वर्षी बच्चे की फसल बचाने के लिए लगाए गए करंट से चिपक कर मौत हो गई यह मामला भी पचपेड़ी थाना क्षेत्र का हैँ आखिर इन किसानों के लिए फसल ज्यादा कीमती हो गया हैँ और इंसान की कोई मूल्य ही नहीं हैँ जिस फसल कों इंसानी पेट भरने उगाया जा रहा हैँ वही अगर इनके मौत का कारण बनें तो इसको उगाने का क्या फायदा सोचियेगा जरूर।

जोंधरा क्षेत्र में बिजली से फसल बचाने का बढ़ रहा चलन…

पचपेड़ी थाना क्षेत्र में खेतों की फसल को बिजली की करंट से बचाने का चलन लगातार बढ़ते जा रहा है आप इसी बात से अंदाजा लगाइए की इससे लगातार मौत हो रही है पर सुधार कुछ भी नहीं हो रहा है ना कोई सबक लें रहा पहले बसंतपुर में दो लोगों की मौत फिर कोकड़ी में एक और उसके बाद जोंधरा में फसल बर्बाद होने के बाद फसल को फिर से उगाया जा सकता है पर मौत होने के बाद किसी को जिंदा वापस नहीं किया जा सकता इसीलिए इन सभी किसानों को बिजली से फसल बचाने की पद्धति के बारे में सोचना होगा थोड़ा फसल बर्बाद हो जाए तो चल सकता हैं पर किसी की जिंदगी चली जाए तो उसको वापस नहीं लाया जा सकता इसलिए अपनी फसल को बचाना जरूरी है पर उसमें चारों तरफ बिजली का करंट प्रवाहित करना और किसी की उससे जान चले जाना कहीं से उचित नहीं है जो गंभीरता से सोचने वाली बात है।

Related Articles

Back to top button