जिला प्रशासन बिलासपुर की अभिनव पहल – अब स्मार्ट टीवी से पढ़ेंगे जिले के बच्चे…

रायपुर: शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में जिला प्रशासन बिलासपुर ने एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। अब जिले के मिडिल और प्राइमरी स्कूलों के बच्चे स्मार्ट टीवी के माध्यम से पढ़ाई करेंगे। इस पहल की शुरुआत नगर निगम क्षेत्र से की गई है।
जिला प्रशासन ने ऐसे 1100 स्कूलों की पहचान की है, जहाँ स्मार्ट क्लास हेतु कोई टीवी या प्रोजेक्टर उपलब्ध नहीं है। इन सभी स्कूलों को जनसहयोग से स्मार्ट टीवी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस मुहिम में उद्योगपति, व्यापारी, बैंक, निजी संस्थाएँ, और जनप्रतिनिधि अपना सहयोग दे रहे हैं।
नगर निगम क्षेत्र के 31 स्कूलों में हुआ शुभारंभ
गत दिवस इस अभियान की शुरुआत नगर निगम क्षेत्र के 31 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों से की गई। नगर निगम द्वारा एक निजी बैंक के सहयोग से इन स्कूलों को स्मार्ट टीवी वितरित किए गए। वितरण कार्यक्रम में महापौर श्रीमती पूजा विधानी, सभापति श्री विनोद सोनी और निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार उपस्थित रहे।
महापौर ने कही प्रेरणादायक बात
महापौर श्रीमती पूजा विधानी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “यह पहल काबिले तारीफ है, जो बच्चों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर शिक्षा को और सशक्त बनाएगी। जहां की शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, वही शहर प्रगति करेगा। स्मार्ट टीवी के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई और भविष्य दोनों बेहतर होंगे।”
निगम आयुक्त ने बताई पहल की उपयोगिता
निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार ने कहा कि “जिला प्रशासन की इस पहल से अब उन स्कूलों में भी तकनीकी शिक्षा का लाभ मिलेगा जहाँ संसाधनों की कमी थी। स्मार्ट टीवी के माध्यम से पढ़ाई अधिक प्रभावी और रोचक बनेगी। शिक्षक की अनुपस्थिति में भी विद्यार्थी ई-कंटेंट के जरिए पढ़ाई जारी रख सकेंगे। उन्होंने नागरिकों, संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस शैक्षणिक अभियान में अधिक से अधिक सहयोग करें। इस अवसर पर डीएमसी श्री ओम पांडे, यूआरसी श्री वासुदेव पांडे, स्कूलों के प्राचार्यगण, निगम अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
संपर्क फाउंडेशन का योगदान
इस अभियान में संपर्क फाउंडेशन द्वारा विशेष सहयोग प्रदान किया जा रहा है। फाउंडेशन वितरित किए जा रहे स्मार्ट टीवी में निःशुल्क ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध करा रहा है, जिससे बच्चे अपने सिलेबस के अनुरूप पढ़ाई कर सकेंगे। जिला प्रशासन बिलासपुर की यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी बदलाव की दिशा में कदम है, बल्कि यह समाज और प्रशासन के साझा सहयोग का भी उत्कृष्ट उदाहरण है।