धमतरी

दीपावली पर मिट्टी के दीयों से जगमगाएगा धमतरी, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा…स्वदेशी अपनाएं, परंपरा सजाएं” “वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन …मिट्टी के दीयों की बिक्री करने वाले ग्रामीणों एवं कुम्हारों से किसी भी प्रकार का कर या शुल्क नहीं लगेगा…


छत्तीसगढ़ धमतरी…जिला प्रशासन द्वारा इस वर्ष दीपावली पर्व को स्वदेशी भावना और परंपरागत संस्कृति के साथ मनाने का विशेष आह्वान किया गया है। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने जिले के सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि दीपावली पर्व पर कुम्हारों और ग्रामीणों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीयों की बिक्री में किसी प्रकार की बाधा न हो तथा उन्हें किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े…
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में मिट्टी के दीयों की बिक्री करने वाले ग्रामीणों एवं कुम्हारों से किसी भी प्रकार का कर या शुल्क न वसूला जाए। उन्होंने कहा कि ये पारंपरिक कारीगर हमारी सांस्कृतिक विरासत के संवाहक हैं और उनके हस्तनिर्मित दीये हमारी लोककला और परंपरा की पहचान हैं। ऐसे में प्रशासन का दायित्व है कि उन्हें प्रोत्साहन मिले और उनका उत्साह बढ़े…
श्री मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दीपावली पर्व जिलेभर में हर्षोल्लास और सौहार्द के साथ मनाया जाए। नागरिकों को मिट्टी के दीयों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए तथा बाजारों में स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि “दीपावली सिर्फ रोशनी का नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का पर्व है। जब हम स्वदेशी वस्तुएं अपनाते हैं तो न केवल अपने देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाते हैं, बल्कि ग्रामीण शिल्पकारों को भी आजीविका का अवसर प्रदान करते हैं…
*कलेक्टर ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे चीनी या प्लास्टिक से बने कृत्रिम प्रकाश उत्पादों की बजाय मिट्टी के दीये जलाएं, जिससे स्थानीय कुम्हारों को आर्थिक सहयोग मिले और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। साथ ही, दीपावली के अवसर पर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी जन-जन तक पहुंचे…

जिला प्रशासन द्वारा सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि स्थानीय बाजारों में दीये विक्रेताओं के लिए निर्धारित स्थानों पर व्यवस्था की जाए, ताकि वे अपने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री सुचारू रूप से कर सकें…
इस पहल से न केवल जिले में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि “वोकल फॉर लोकल” की भावना को भी बल मिलेगा। मिट्टी के दीयों की रोशनी से इस बार धमतरी जिले के घर-आंगन परंपरा, संस्कृति और स्वदेशी गर्व की चमक से जगमगाते नजर आएंगे।

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