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डॉ. हेमंत दीक्षित के समर्थन में अस्पताल स्टाफ एकजुट, 60 से अधिक कर्मचारियों ने सौंपा हस्ताक्षरित ज्ञापन

बलरामपुर:  बलरामपुर जिले वाड्रफनगर स्थित 100 बिस्तर अस्पताल में चल रहा विवाद अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। जहां एक ओर नर्सिंग एसोसिएशन ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. हेमंत दीक्षित पर अनुचित व्यवहार और पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे, वहीं अब बड़ी संख्या में अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उनके समर्थन में खुलकर सामने आए हैं।

जानकारी के अनुसार, अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और उप स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत 60 से अधिक डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने सामूहिक रूप से जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) बलरामपुर को एक हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा है।

कर्मचारियों ने अपने ज्ञापन में कहा कि डॉ. दीक्षित एक अनुशासित, ईमानदार और मरीजों के हित में कार्य करने वाले अधिकारी हैं। उनका कहना है कि कुछ लोगों द्वारा व्यक्तिगत कारणों से उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जो सरासर गलत है।

स्टाफ की मांग  जांच हो निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि बिना प्रमाण किसी अधिकारी की छवि धूमिल करना अनुचित  है। कर्मचारियों ने प्रशासन से आग्रह किया कि जांच केवल तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर की जाए, ताकि किसी ईमानदार अधिकारी को नुकसान न पहुंचे।

डॉ. दीक्षित के कार्यकाल में सुधार आया अस्पताल की व्यवस्था में

कर्मचारियों ने यह भी कहा कि डॉ. दीक्षित के नेतृत्व में अस्पताल की कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा, साफ-सफाई, और नियमित ड्यूटी व्यवस्था जैसी व्यवस्थाएं उनके प्रयासों से सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं।

एक नर्सिंग कर्मचारी ने कहा, “डॉ. दीक्षित हमेशा हमारे साथ सहयोगी रहे हैं। उन्होंने अस्पताल का माहौल सकारात्मक बनाया है। कुछ लोग व्यक्तिगत रंजिश के कारण उन्हें निशाना बना रहे हैं।”

CMHO को सौंपा गया ज्ञापन

अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से CMHO बलरामपुर को ज्ञापन सौंपते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। उनका कहना है कि सच्चाई सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि डॉ. हेमंत दीक्षित पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।

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