CG – लापरवाह शिक्षकों को बीईओ दयाल थमा रहे नोटिस आगे की कार्रवाई? आखिर क्या हो रहा आगे कई सवाल पढ़े पूरी ख़बर
0 मरवाही बीईओ रहते हुए भ्रष्ट्राचार में रहे लिप्त, पोड़ी उपरोड़ा में भी अपनी मनमानी चला रहे.
कोरबा//खंड शिक्षा अधिकारी का मुख्य काम स्कूलों का निरीक्षण करना, शिक्षकों के प्रदर्शन पर नजर रखना और शिक्षा से जुड़े मामलों में कार्रवाई करना होता है। यदि कोई शिक्षक अपने कर्तव्य में लापरवाही कर रहे हो तो बीईओ नियमो के तहत उन पर कार्रवाई कर सकते है। विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा मे पदस्थ खंड शिक्षाधिकारी के. राजेश्वर दयाल भी अपने दायित्वों का पालन कुछ इसी तर्ज पर कर तो रहे है, लेकिन लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध की जा रही उनकी कार्रवाई इन दिनों खूब चर्चा में है।
बता दें कि बीईओ के.आर. दयाल पोड़ी उपरोड़ा में अपने पदस्थापना काल के बाद से ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और शिक्षकों को अधिक जवाबदेही बनाने को लेकर एक्शन मोड़ में है और स्कूलों में औचक निरीक्षण अभियान चलाकर पदस्थ शिक्षकों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए है। बीईओ श्री दयाल के औचक निरीक्षण में यदि कोई शिक्षक ड्यूटी से नदारद पाया गया तो फौरन नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाता है और जिस एक्शन को लेकर सोशल मीडिया के खबरों में वे खूब छाए रहते है, लेकिन विभागीय तौर पर जो बातें छनकर आ रही है उसके मुताबित बीईओ दयाल साहब शालाओं का औचक निरीक्षण कर और लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी तो जरूर करते है लेकिन अधिकतर मामले में आगे की कार्रवाई के समय वे दयालु बन जाते है। यही कारण है कि साहब की कार्रवाई नोटिस तक ही सीमित होकर रह जाती है। बीईओ श्री दयाल द्वारा अब तक अनेको स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया और लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया परंतु अधिकतर मामले में आगे की कार्रवाई देखने- सुनने को ही नही मिल पायी। सूत्र बताते हैं कि बहुत ही कम नोटिस मामले पर आगे कार्रवाई की फाइलें जिला शिक्षाधिकारी को प्रेषित की जाती है तथा अधिकतर मामले साहब के टेबल पर ही निपट जाते है। खैर जो भी हो लेकिन इतना तो जरूर कहा जा रहा है कि इन दिनों स्कूल शिक्षा विभाग में लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई का दबाव बनाकर वसूली करने की योजना पर काम हो रहा है। जिला स्तर के अधिकारी कार्यालय के वातानुकुलित कक्ष में बैठकर केवल शिक्षा व्यवस्था की योजनाएं बनाने में मस्त है और जमीनी स्तर पर इसका अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी उठाने वाले नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे है। आलम यह है कि शिक्षक वर्ग जेबें ढीली करके शिक्षण कार्य के बजाय गैर शिक्षकीय कार्य मे मशगूल होने लगे है। जिससे स्कूल की गुणवत्ता का स्तर और बच्चों की पढ़ाई निम्न कगार पर जा रहा है।
मरवाही में प्रभारी बीईओ रहने के दौरान भ्रष्ट्राचार में रहे मस्त,अब पोड़ी उपरोड़ा में चला रहे मनमानी…
आपको बता दें कि जीपीएम जिले के मरवाही में प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रहते हुए के.आर. दयाल द्वारा खण्ड स्रोत समन्वयक के साथ मिलकर समग्र शिक्षा की राशि लगभग पांच लाख रुपए स्वयं के नाम पर आहरण कर दबा दिया गया था। इस मामले की शिकायत मरवाही जनपद के तत्कालीन उपाध्यक्ष ने शीर्ष अधिकारियों से कर उचित जांच और बीईओ को हटाने मांग की थी। जिस शिकायत की जांच के लिए संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बिलासपुर द्वारा दो सदस्यीय जांच दल का गठन कर जांच कराया गया था, जिसमे जनपद उपाध्यक्ष की शिकायत सही पायी गई थी। तब 8 माह पूर्व निकाले गए समग्र शिक्षा की राशि आनन- फानन में खाते में जमा करा दिया गया था। इस अनियमितता को लेकर बीईओ दयाल को मरवाही से हटा दिया गया। वर्तमान में श्री दयाल कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा खण्ड शिक्षा कार्यालय में बतौर बीईओ अपनी सेवाएं दे रहे है, लेकिन यहां भी उनकी मनमानी रवैया जारी है तथा अपने कार्यप्रणाली से वे विभागीय गलियारे में खूब छाए हुए है।
				


