बिजौलिया उपखंड को संभावित मांडलगढ़ में विलोपन को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद
-गुस्सा फूटा तो विकराल आंदोलन में तब्दील होगा

✍️(गिरधर पाराशर)
भीलवाड़ा/बिजौलिया। उपखण्ड विलोपन पर गुस्सा: बिजौलिया में मोर्चाबंदी तेज, आज बड़ा प्रदर्शन, संगठनों की संयुक्त बैठक में गूंजा एक स्वर उपखण्ड हटाया तो बढ़ेगी आमजन की परेशानी, उपखण्ड कार्यालय के संभावित विलोपन को लेकर बिजौलिया क्षेत्र में आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। रविवार को अभिभाषक परिषद के आह्वान पर बन्नी के बालाजी परिसर में सामाजिक, राजनीतिक व व्यवसायिक संगठनों की संयुक्त बैठक आयोजित हुई, जिसमें उपखण्ड बचाने को लेकर जोरदार चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए अब संघर्ष को संगठित रूप दिया जाएगा और उपखण्ड बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उपखण्ड कार्यालय हटने से ग्रामीणों पर भारी आर्थिक बोझ आएगा। लोगों को रोजमर्रा के सरकारी कार्यों, प्रमाण-पत्रों, शिकायतों और प्रशासकीय मामलों के लिए बार-बार लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। न्यायिक कार्यों में देरी होगी और कानून-व्यवस्था संबंधी चुनौतियाँ बढ़ेंगी। साथ ही कई सरकारी योजनाओं से वंचित होने की भी आशंका जताई गई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आज 17 नवंबर को सुबह 11 बजे उपखण्ड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद संघर्ष समिति की कार्यकारिणी का गठन कर आंदोलन की अगली रूपरेखा तय की जाएगी। उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के भविष्य से जुड़ा सवाल है। बैठक में यह भी तय हुआ कि उपखण्ड क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि, महिला शक्ति, युवा संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से व्यापक सहयोग लेकर “बिजौलिया उपखण्ड बचाओ अभियान” को जनांदोलन का रूप दिया जाएगा। बैठक में उपरमाल किसान पंचायत अध्यक्ष नारायणलाल धाकड़, किराणा व्यापार संघ अध्यक्ष पंकज हरसोरा, लघु उद्योग भारती अध्यक्ष कमल किशोर, रावणा राजपूत समाज अध्यक्ष संजय सिंह चौहान, किराड़ समाज अध्यक्ष रामस्वरूप किराड़, पथिक क्लब अध्यक्ष रवि सोनी, परिषद अध्यक्ष सुमित जोशी, पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीलाल सुराणा व अनिल धाकड़, जि.प.स. सदस्य अंकित तिवाड़ी, पूर्व पार्षद निलेश नलवाया, रईस मोहम्मद, नरेश सोनी, यशवंत पुगलिया, योगेश जैन, सुधीर कोतवाल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।