CG – नक्सलियों का कबूलनामा : 2025 में शीर्ष नेताओं समेत बड़ी संख्या में माओवादियों की हुई मौत, खोला खुद का कच्चा चिट्ठा, नक्सलियों ने जारी की बुकलेट……

सुकमा। प्रतिबंधित माओवादी संगठन यानी नक्सलियों ने बुकलेट जारी करके बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौत को कबूल किया है। नक्सलियों द्वारा जारी बुकलेट में 11 महीनों में 320 नक्सिलयों के मारे जाने की पुष्टि का जिक्र किया गया है। मारे गए नक्सलियों में 183 पुरुष, 117 महिलाओं का नाम शामिल है। बता दें कि, नक्सल संगठन नवम्बर के आखिर और दिसंबर के पहले सप्ताह में पीएलजीए सप्ताह का आयोजन करते है। वे इस सप्ताह के दौरान पूरे साल का आधकारिक लेख-जोखा और ब्यौरा पेश करते है।
क्या है पुलिस की प्रतिक्रिया?
प्रतिबंधित माओवादी संगठन के पीएलजीए सप्ताह और बुकलेट जरी किये जाने पर बसतर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, “प्रतिबंधित और गैरकानूनी CPI माओवादी संगठन के द्वारा प्रति वर्ष 2-8 दिसंबर तक PLGA सप्ताह मनाया जाता है। माओवादियों के द्वारा सालभर में हुए नुकसान का ब्योरा प्रेस नोट के माध्यम से जारी किया जाता है। एक प्रेस विज्ञप्ति देखने को मिल रही है जिसमें 2025 में 320 माओवादियों के नुकसान होने की बात को स्वीकार किया गया है। इससे साबित होता है कि माओवादी संगठन का संख्या बल घटता जा रहा है। उनके पास कोई नेतृत्व भी नहीं बचा है। उन्हें हिंसा त्यागकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। शासन द्वारा उनके पुनर्वास की सहायता प्रदान की जा रही है।”
15 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
इस बीच छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 15 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया जिनमें से नौ नक्सलियों पर कुल मिलाकर 48 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार जिले में ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी’ (पीएलजीए) बटालियन क्रमांक एक में सक्रिय चार नक्सलियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय कुल 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया जिनमें पांच महिला नक्सली भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में माड़वी सन्ना (28), सोड़ी हिड़मे (25), सूर्यम उर्फ रव्वा सोमा (30) और मीना उर्फ माड़वी भीमे (28) पर आठ–आठ लाख रुपये, सुनिता उर्फ कुहराम हुंगी (35) और मड़कम पांडू (30) पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा तीन अन्य नक्सलियों पर तीन से एक लाख रुपये तक का इनाम घोषित था।
23 महीनों में 2,150 से अधिक आत्मसमर्पण
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’ से प्रभावित होकर तथा माओवादियों की अमानवीय और आधारहीन विचारधारा, शोषण एवं अत्याचार से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की नई पुनर्वास नीति के तहत प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई है तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 23 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सली नेताओं समेत 2,150 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।



