CG – मस्तूरी के किसान परसदा में 6 शिक्षक पदस्थ 2 बजे बंद स्कूल एक से बढ़ कर एक बहाने बीईओ नें तत्काल जारी किया नोटिस जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर//मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत किसान परसदा के प्राथमिक शाला में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो विकास खंड शिक्षा अधिकारी कभी देखना ही नहीं चाहते ना ही शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी ऐसी लापरवाही बर्दाश्त करेंगे गांव के प्रतिनिधियों ने शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि शिक्षक 2 बजे के आसपास ही स्कूल बंद करके निकल गए थे हमारे पास जो फोटो आया है वह 2 बज कर 14 मिनट पर लिया गया है जिसमें देखा जा सकता है कि स्कूल में ताला लटका हुआ है और एक भी शिक्षक ना ही बच्चे आसपास नजर आ रहे हैं मस्तूरी विकासखंड में शिक्षकों की लापरवाही लगातार जारी है यह पहला मामला नहीं है जहां ऐसी लापरवाही देखी गई हो बात आप जोंधरा से खोदरा तक करें तो पूरे विधानसभा में लगातार स्कूल शिक्षा विभाग में ऐसे कई गंभीर मामला सामने आ रहा है जिसके वजह से लगातार पूरा शिक्षा जगत बदनाम हो रहा है आखिर कब थमेगा इन शिक्षकों की लापरवाही बताते चले की शासकीय प्राथमिक शाला किसान परसदा के इस स्कूल में कुल 6 शिक्षक पदस्थ हैँ जिनमें से ब्रजेश मंडलोई और अमृत पाली का (SIR) स्पेशल इंटेंसिव रिविजन में ड्यूटी लगा हैँ एक शिक्षक निलंबित बताया जाता हैँ बचे तीन जिनमें प्रधान पाठक किरण लकरा अपने (SIR) स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का कार्य का फार्म भरने के लिए प्रभार सहायक शिक्षक अमर ज्योति खांडेय कों देकर गई थी एक शिक्षक बेरोनिका तिग्गा अपने घरेलु काम से निकल गई लास्ट में जिनको एच एम नें प्रभार दिया था वो सभी बच्चों कों छुट्टी देकर निकल लिए ये हम नहीं कह रहें बल्कि प्रधान पाठक नें बताई हैँ, सोचिए जिस स्कूल में 6 शिक्षक हैं वह स्कूल दोपहर के 2:00 बजे बंद हो जा रहा है गांव के प्रतिनिधियों को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ रहा है फिर भी शिक्षक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं ताज्जुब की बात हैँ की एक शिक्षक भी ऑफिशियल काम से नहीं गया अब ऐसे में कैसे गड़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना साकार होगा कैसे इन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा इनका भविष्य बन सकेगा और कैसे लोगों को सरकारी स्कूलों की शिक्षा और व्यवस्था पर विश्वास होगा लगातार हो रहे लापरवाही से सरकारी स्कूलों से यहां पढ़ने वाले बच्चों के पालकों का विश्वास उठ रहा है क्योंकि यह शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा देना अपना कर्तव्य नहीं समझ रहे हैं बल्कि यह सिर्फ महीने की सैलरी का इंतजार करते हैं और सैलरी के लिए ही मजबूरी में स्कूल पहुंचते हैं ऐसा लग रहा है और शायद यही कारण है कि लगातार सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर नीचे गिर रहा है और लगातार शिक्षकों की लापरवाही भी सामने आ रही है।
मस्तूरी विकासखंड में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां शिक्षकों की घोर लापरवाही नजर आती है पर इससे ज्यादा जिम्मेदार लोग उन संकुल समन्वयकों को मानते हैं जिनके अंदर में सारे स्कूल आते हैं जहां यह लापरवाही देखी जा रही है संकुल समन्वयक की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने अंदर आने वाले स्कूलों की जांच पड़ताल करते रहे और लापरवाही दिखने पर उच्च अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट दे तो क्या ऐसे मामलों में संकुल समन्वय पर भी गाज गिरना चाहिए जिनकी वजह से यह सारे शिक्षक लापरवाह हो रहे हैं और कर्तव्य विमुख होकर कार्य कर रहे हैं क्योंकि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और उनके अंदर आने वाले अधिकारी रोज-रोज एक ही क्षेत्र में जाकर निरीक्षण नहीं कर सकते इसके अलावा इनके पास ऑफिशियल कार्य भी बहुत होता है पर संकुल समन्वय के अंदर कुछ निश्चित स्कूल ही होते हैं जिनकी जिम्मेदारी उनके ऊपर होती है तो क्या ऐसे संकुल समन्वय को भी सबक मिलना जरूरी है?
मस्तूरी बी.ई.ओ.शिवकुमार टंडन ने जब से पदभार संभाला है तब से लगातार विकासखंड में लापरवाह शिक्षकों पर एक्शन लिया जा रहा है और ऐसे लापरवाह शिक्षकों कों निलंबित भी किया जा रहा हैँ इस मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी नें कर्तव्य विमुख शिक्षकों को तत्काल नोटिस जारी कर दिया है उन्होंने कहा है की वो बाहर हैँ आते ही इन पर एक्शन लेंगे उनके विकासखंड में ऐसी लापरवाही उनके द्वारा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जाँच करा कर उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।




