छत्तीसगढ़

CG – सुरक्षित पारा–सुरक्षित लइकामन अभियान अंतर्गत जन–संपर्क गतिविधियों का सफल आयोजन…

सुरक्षित पारा–सुरक्षित लइकामन अभियान अंतर्गत जन–संपर्क गतिविधियों का सफल आयोजन

जगदलपुर। यूनिसेफ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में चलाए जा रहे “सुरक्षित पारा–सुरक्षित लइकामन 3.0” ग्राम संपर्क अभियान के अंतर्गत विकासखंड तोकापाल में विभिन्न ग्रामों में व्यापक जन-जागरूकता एवं जन-संपर्क कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह अभियान राष्ट्रीय सेवा योजना के संभागीय समन्वयक डॉ. संजीवन कुमार तथा जिला संगठक मौसमी विश्वास के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है।

यूनिसेफ टीम द्वारा निरीक्षण एवं मार्गदर्शन

दिनांक 27 नवंबर को यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रभारी चंदन कुमार एवं वैभवी ने चयनित ग्रामों में पहुँचकर जनसंपर्क गतिविधियों का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वयंसेवकों के कार्यों की सराहना करते हुए बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा एवं पोषण संबंधी विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियाँ स्थानीय समुदाय को प्रदान कीं।
विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा, बाल अधिकार, किशोर स्वास्थ्य, डिजिटल सुरक्षा तथा बाल संरक्षण तंत्र के बारे में ग्रामीणों को विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यक्रम से जुड़े प्रमुख ग्राम :-

अभियान के अंतर्गत स्वयंसेवकों द्वारा निम्न ग्राम पंचायतों में जन-जागरूकता गतिविधियाँ की गईं :—

डिमरापाल

बड़े मारेंगा

केशलूर

तोकापाल

स्वयंसेवकों द्वारा घर–घर जाकर संवाद, प्रश्न–उत्तर, नाटक, पोस्टर प्रदर्शनी, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर चर्चा, मातृ–शिशु सुरक्षा संबंधी जानकारी तथा बाल संरक्षण पर परामर्श जैसे कार्य किए गए।

अभियान में सम्मिलित अधिकारी एवं शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि

इस जन–संपर्क कार्यक्रम में निम्न अधिकारी एवं सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे :—

डॉ. संजीवन कुमार, कार्यक्रम समन्वयक, एन.एस.एस. शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर, जगदलपुर (छत्तीसगढ़)

डॉ. भूनेश्वर लाल साहू, कार्यक्रम अधिकारी, शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय

प्रिंसी दूग्गा, कार्यक्रम अधिकारी, शासकीय दन्तेश्वरी महिला महाविद्यालय

संजय कुमार, अतिथि व्याख्याता, शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय

देवेन्द्र कुमार दुर्गे, लिपिक, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय

स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी :-

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिनमें मुख्य रूप से :—

भुवनेश्वर कश्यप, संपना मोंगरे, सुमित्रा बघेल, सरिता मौर्य, अंकिता बघेल, तनिषा यादव, तेजूराम कश्यप सहित अनेक छात्र–छात्राएं शामिल रहे।

स्वयंसेवकों ने बाल सुरक्षा संदेशों को सरल भाषा एवं रचनात्मक तरीकों से ग्रामीणों तक पहुँचाया, जिससे स्थानीय समुदाय में सकारात्मक प्रभाव देखा गया।

अभियान का उद्देश्य :-

“सुरक्षित पारा–सुरक्षित लइकामन” अभियान का मुख्य उद्देश्य—

बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण सुनिश्चित करना

किशोरों में स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता संबंधी जागरूकता लाना

बाल अधिकारों की समझ विकसित करना

समुदाय को बाल सुरक्षा तंत्र से जोड़ना

युवाओं को सामाजिक नेतृत्व एवं सेवा की ओर प्रेरित करना है

समापन :-

यूनिसेफ और एनएसएस छत्तीसगढ़ के संयुक्त प्रयास से संचालित यह जन–संपर्क अभियान ग्रामीण समुदायों में बच्चों एवं किशोरों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक सार्थक एवं प्रभावी कदम साबित हो रहा है। आने वाले दिनों में भी यह कार्यक्रम अन्य ग्रामों में जारी रहेगा।

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