Uttarakhand Newsविश्व दिव्यांग दिवस पर सीएम धामी ने प्रतिभाशाली दिव्यांगजनों को किया सम्मानित, देहरादून में बहुउद्देशीय कार्यालय भवन का किया शिलान्यास….

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग की ओर से हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण समारोह में प्रतिभाशाली दिव्यांग जनों को पुरस्कार राशि, मेडल, प्रशस्ति पत्र और मानपत्र प्रदान किए. इस अवसर पर सीएम ने देहरादून में 905.13 लाख की लागत से बनने वाले आयुक्त दिव्यांगजन उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड और समाज कल्याण आईटी सेल के बहुउद्देशीय कार्यालय भवन का शिलान्यास समेत प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र, नैनीताल (एलिम्को) का लोकार्पण किया.
मुख्यमंत्री ने सभी दिव्यांगजनों को विश्व दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उन असाधारण व्यक्तियों को सम्मान देने का अवसर है, जिन्होंने चुनौतियों को अवसर और संघर्षों को प्रेरणा में बदलकर समाज को दिशा दी है. उन्होंने कहा कि “दिव्यांगता शरीर में हो सकती है, लेकिन सपनों में नहीं” और आज हमारे दिव्यांग भाई-बहन प्रत्येक क्षेत्र में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन दिव्यांग नही समाज के दिव्य अंग हैं. उन्होंने भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर, इंग्लिश चैनल पार करने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया और बिना हाथों के विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियन बनी शीतल देवी जैसे प्रेरक उदाहरण साझा किए.
मुख्यमंत्री ने हाल ही में भारत की दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम की ओर से कोलंबो में टी-20 ब्लाइंड वूमेन वर्ल्ड कप-2025 जीतने पर भी गर्व व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि आज केन्द्र और राज्य सरकार दोनों ही दिव्यांगजनों को समान अवसर और गरिमामय जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. नए भवनों, अस्पतालों व बस अड्डों के निर्माण में दिव्यांगजन-अनुकूल व्यवस्थाएं अनिवार्य की गई हैं. कई पुराने भवनों में भी सुगम्यता के लिए आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं. साथ ही “कॉमन साइन लैंग्वेज” के प्रसार और दिव्यांगजन हितैषी स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन भी सरकार की प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों को 1500 मासिक पेंशन, दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को 700 मासिक भरण-पोषण अनुदान, तीलू रौतेली विशेष दिव्यांग पेंशन योजना व बौना पेंशन योजना के तहत 1200 मासिक पेंशन के साथ ही सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किये जाने, दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और कृत्रिम अंगों के लिए 7000 अनुदान, दिव्यांग से विवाह करने पर 50,000 प्रोत्साहन राशि, दिव्यांग छात्रों के लिए सिविल सेवा परीक्षा की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराते हुए जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से उन्हें सभी योजनाओं का एकीकृत लाभ प्रदान किया जा रहा है.
इसके साथ ही देहरादून स्थित आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय में ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था और ऊधमसिंह नगर में मानसिक रूप से दिव्यांगों के लिए पुनर्वास गृह का निर्माण किया गया है. देहरादून में राज्य का पहला “प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र” भी प्रारंभ किया गया हैं. राज्य गठन के बाद पहली बार दिव्यांग सर्वेक्षण भी प्रारंभ किया गया है, जिससे दिव्यांगजनों की वास्तविक संख्या और आवश्यकताओं का सही आकलन हो सकेगा. मुख्यमंत्री ने राज्य के “यंग इनोवेटिव माइंड्स” से अपील की कि वे अपने आविष्कारों में दिव्यांगजनों की जरूरतों को विशेष स्थान दें और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित तकनीक विकसित कर दिव्यांगजनों के जीवन को और सुगम बनाएं. उन्होंने अधिकारियों को ऐसे युवाओं को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के निर्देश भी दिए.



