छत्तीसगढ़

CG News- छत्तीसगढ़ के इस रेलवे में होगा बड़ा बदलाव: 2030 तक दोगुनी होगी कोचिंग क्षमता, स्टेशन का मेजर रीडेवलपमेंट शुरू…..

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रेलवे अवसंरचना को अगले कुछ वर्षों में बड़े स्तर पर अपग्रेड करने की तैयारी है। South East Central Railway के तहत रायपुर रेल मंडल में कोचिंग टर्मिनल का विस्तार और स्टेशन का मेजर रीडेवलपमेंट किया जा रहा है। रेलवे का लक्ष्य वर्ष 2030 तक रायपुर की कोचिंग क्षमता को मौजूदा स्तर से दोगुना करना है, ताकि यात्रियों की बढ़ती संख्या और नई ट्रेनों की जरूरत को पूरा किया जा सके।

रेल मंत्री ने क्या कहा

रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यात्रियों की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए देश के प्रमुख शहरों में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार किया जा रहा है। उनका कहना है कि इससे रेलवे नेटवर्क मजबूत होगा और देशभर में कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

2030 तक क्षमता बढ़ाने की योजना

रेलवे के अनुसार, आने वाले पांच वर्षों में बड़े शहरों की ट्रेन शुरू करने की क्षमता को दोगुना करने की जरूरत है। इसके लिए मौजूदा टर्मिनलों पर नए प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और शंटिंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके साथ ही नए शहरी इलाकों में वैकल्पिक कोचिंग टर्मिनल बनाए जाएंगे और कोचिंग मेंटेनेंस के लिए आधुनिक मैकेनिकल और मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स तैयार होंगे। सिग्नलिंग अपग्रेड और मल्टी-ट्रैकिंग से सेक्शन क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।

रायपुर को बनाया गया प्रमुख केंद्र

इस राष्ट्रीय योजना के तहत रायपुर को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का एक प्रमुख केंद्र चुना गया है। रायपुर बिलासपुर–नागपुर रेलखंड पर स्थित एक अहम यात्री और ऑपरेशनल स्टेशन है। यहां किए जा रहे कामों से आने वाले वर्षों में भीड़ कम होगी, नई ट्रेन सेवाएं शुरू होंगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

रायपुर स्टेशन की मौजूदा स्थिति

रायपुर स्टेशन से फिलहाल रोजाना करीब 122 कोचिंग ट्रेनें संचालित होती हैं, जिनमें मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। स्टेशन पर सात प्लेटफॉर्म हैं और कई ट्रेनें दुर्ग के माध्यम से शुरू होती हैं। बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए केंद्री (नया रायपुर) में एक वैकल्पिक कोचिंग टर्मिनल विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है।

केंद्री (नया रायपुर) में नया कोचिंग टर्मिनल

प्रस्तावित केंद्री कोचिंग टर्मिनल भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। इसमें कई प्लेटफॉर्म, पिट लाइन, स्टेबलिंग लाइन, ओवरहॉलिंग और मैकेनिकल लाइनें शामिल होंगी। रेलवे के मुताबिक, इससे रायपुर की कोचिंग क्षमता और नई ट्रेनों के संचालन की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी।

लाइन क्षमता और सिग्नलिंग में सुधार

रायपुर क्षेत्र में चौथी रेल लाइन का काम चल रहा है, जिससे ट्रेन परिचालन तेज और ज्यादा भरोसेमंद होगा। इसके साथ ही ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है। खरसिया–परमालकसा रेल लाइन परियोजना से भी सेक्शन की क्षमता और कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो भी प्रस्तावित

उच्च गति वाली वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए दुर्ग में लगभग ₹50 करोड़ की लागत से वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो बनाने का प्रस्ताव है। इससे नई वंदे भारत सेवाओं के विस्तार में मदद मिलेगी।

₹463 करोड़ से होगा रायपुर स्टेशन का मेजर रीडेवलपमेंट

रायपुर रेलवे स्टेशन के मेजर रीडेवलपमेंट पर ₹463 करोड़ खर्च किए जाएंगे। योजना के तहत स्टेशन को पूरी तरह आधुनिक बनाया जाएगा, जिसमें बाधा-रहित प्रवेश, नए स्टेशन भवन, बड़े एयर कॉन्कोर्स, अलग-अलग आगमन और प्रस्थान एफओबी, लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड कोर्ट, लाउंज, पार्किंग और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब शामिल हैं। यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए स्टेशन के दोनों ओर बेहतर सर्कुलेशन एरिया और पैदल यात्री प्लाजा भी तैयार किए जाएंगे।

एकीकृत मोबिलिटी प्लान से बदलेगा स्टेशन एरिया

स्टेशन रीडेवलपमेंट के बाद अटल पथ एक्सप्रेस-वे से सीधा कनेक्शन, चौड़ी सड़कें और ट्रैफिक जाम कम करने की व्यवस्था की जाएगी। रेलवे और राज्य सरकार के अनुसार, इससे न सिर्फ यात्रियों को फायदा होगा बल्कि आसपास के इलाके में व्यापार, रोजगार और आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी।

रायपुर को मिलेगा बड़ा रेल हब का दर्जा

रेलवे का कहना है कि इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद रायपुर एक आधुनिक और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन के रूप में उभरेगा। इससे ट्रेन संचालन क्षमता बढ़ेगी और रायपुर मध्य भारत के एक मजबूत रेल केंद्र के रूप में स्थापित होगा।

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