CG – पाली मादन पंचायत में सीसी रोड की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल भ्रष्टाचार का खेल ग्रामीण करेंगे कलेक्टर से शिकायत पढ़े पूरी ख़बर
कोरबा//ग्राम पंचायतों के विकास हेतु निर्माण कार्य के लिए शासन द्वारा लाखों रुपए की राशि जारी की जाती है, लेकिन सरपंच, सचिव व अधिकारियों के मिलीभगत के चलते घटिया निर्माण कराकर स्वीकृत राशि के अधिकतर का कमीशनखोरी कर लिया जाता है, नतीजतन निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन होने के चलते कुछ ही महीनों में जर्जर होकर अपना अस्तित्व खोने लगती है।
ऐसा ही मामला जिले के पाली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मादन का सामने आया है। जहां मुख्यमार्ग फारेस्ट काष्टागार से मादन बस्ती तक करीब 20 लाख की लागत से निर्माण किये जा रहे सीसी रोड में गुणवत्ता को हासिये पर रख दिया गया है और स्टीमेट के विपरीत घटिया सामाग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि सीमेंट, गिट्टी, रेत का अनुपात नियमो के विपरीत है तथा जहां हाथ से काम कराकर ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना था, वहां मिलर मशीन से सामाग्री तैयार कर सीसी रोड निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है। इससे गरीब ग्रामीणों की आजीविका छीन ली गई है। इस निर्माण में सड़क पर पालीथिन की जगह रेत की मोटी परत बिछाई गई है और सीधे ढलाई कराया जा रहा है, निर्माण के दौरान वाइब्रेटर का भी इस्तेमाल नही किया जा रहा है। यहां निर्मित होने वाले सीसी रोड के किनारे सतह को 8 इंच का दिखाया जा रहा है वहीं बांकी हिस्सा महज 3 से 4 इंच ही ढलाई हो रहा है। गंभीर पहलू तो यह है कि सड़क निर्माण के साथ ही पाइप लाइन डालने के नाम पर कोर कटिंग की तैयारी शुरू कर दी गई है। यानी पक्की सड़क पूरी तरह तैयार होने के पहले ही उसे तोड़ने की योजना निर्माण के फलीभूत में सोचनीय पहलू है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव ने मोटी कमीशन तय कर निर्माण कार्य को एक अघोषित ठेकेदार के हाथों सौंप दिया है और कार्यस्थल का कभी निरीक्षण भी नही करने गए। जिसके कारण ठेकेदार नियमो और मानकों की अनदेखी करते हुए मनमर्जी से लाखों के सीसी रोड निर्माण को अंजाम दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस निर्माण को लेकर उन्होंने विभागीय अधिकारियों से शिकायत की है लेकिन किसी प्रकार की जांच अथवा कार्रवाई नही की गई है। जिससे ग्रामीणों में रोष है और वे उक्त निर्माण से संबंधित शिकायत लेकर कलेक्टर के पास जाने का मन बना लिए है।
यहां पर यह उल्लेख करना लाजिमी न होगा कि इस सड़क में लाखों की लागत से सीसी रोड का घटिया निर्माण कार्य करीब एक दशक (10 वर्ष) पूर्व कराया जा चुका है, जो बनने के कुछ हप्ते बाद ही टूटने- फूटने लगी और एक- डेढ़ वर्ष में उस कांक्रीटीकरण का आस्तित्व ही गायब हो गया, मानो इस सड़क पर कभी कोई कांक्रीट कार्य हुआ ही न हो। वर्तमान में भी करीब 20 लाख की स्वीकृति वाले सीसी कांक्रीट रोड का निर्माण कराया जा रहा है जिसमे भी पुरानी घटिया निर्माण की नीति दोहराते हुए जनता के पैसे का खुला दुरुपयोग किया जा रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस निर्माण की आयु कितनी होगी।




