CG – वन स्टेट-वन इलेक्शन लागू करने वाला पहला राज्य बना छत्तीसगढ़….
रायपुर। वन स्टेट-वन इलेक्शन लागू करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य बन गया है। आज राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया, जिसमें एक ही आचार संहिता में छत्तीसगढ़ में पहली बार शहर और गांव दोनाें का चुनाव कराने की घोषणा की गई। बता दें कि निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने साय सरकार ने कमेटी गठित की थी। उसके सुझाव के बाद एक ही आचार संहिता में चुनाव कराने की घोषणा की गई है।
ऐसा पहली बार हो रहा है जब शहर और गांव दोनों के चुनाव एक साथ होने जा रहा है। करीब 13 महीने पहले सत्ता में आई विष्णुदेव साय सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन नेशन वन इलेक्शन वाले विजन पर काम करना शुरू कर दिया था। निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार ने कमेटी गठित की और उसके सुझाव के बाद इसे लागू करने का फैसला किया। आज राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से दोनों चुनाव के लिए एक साथ कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य राज्य एक चुनाव लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया।
वन स्टेट वन इलेक्शन के लिए बदले गए नियम
वन स्टेट वन इलेक्शन लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को नियमों में बदलाव करना पड़ा है, क्योंकि इससे पहले दोनों चुनाव की टाइमिंग अलग-अलग थी। राज्य के ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल दिसंबर से जनवरी के बीच पूरा होता है। वहीं, पंचायतों का कार्यकाल फरवरी से मार्च के बीच पूरा होता है। ऐसे में दोनों चुनावों को एक साथ कराने के लिए राज्य सरकार को नगरीय निकायों में निर्वाचित परिषद का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक बैठाना पड़ा है। इसके लिए सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में संशोधन किया है। राज्य के नगर निगम समेत 100 से ज्यादा शहरी निकायों में इस वक्त प्रशासक काम कर रहे हैं। अफसरों के अनुसार प्रशासक की व्यवस्था इस वजह से की गई ताकि किसी भी निर्वाचित परिषद को समय से पहले हटाना न पड़े।
विधानसभा में पेश हुआ था अशासकीय संकल्प
निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने को लेकर विधानसभा में बीजेपी विधायक राजेश मूणत की तरफ से अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया गया था। इस अशासकीय संकल्प पर 26 जुलाई 2024 को सदन में चर्चा हुई थी। इस पर सरकार की तरफ से डिप्टी सीएम और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने सहमति व्यक्त की। इसके बाद मूणत ने संकल्प वापस ले लिया था, लेकिन इस दौरान सदन में सरकार की तरफ से दिए गए आश्वासन के आधार पर इसकी प्रक्रिया शुरू की गई।
सुझाव देने बनाई गई थी पांच सदस्यीय कमेटी
स्थानीय चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार करने और सुझाव देने के लिए राज्य सरकार ने आईएएस ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में अफसरों की कमेटी बनाई थी। इसमें अध्यक्ष सहित पांच अफसर थे। इस कमेटी के गठन का आदेश 4 अगस्त को जारी हुआ था। इस कमेटी ने अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। कमेटी ने दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने की सिफारिश की थी। कमेटी ने कहा था कि दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने से धन और मैन पावर दोनों की बचत होगी।